भारत सरकार ने एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी। एकीकृत पीएम-आशा योजना किसानों से आसानी से दालों की खरीद की जाये इसके लिए संचालित की जाती है, जो न केवल किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य देने में मदद करेगी बल्कि उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करके आवश्यक वस्तुओं की कीमत में अस्थिरता को भी नियंत्रित करेगी।
पीएम-आशा योजना की मूल्य समर्थन योजना के तहत, निर्धारित उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के अनुरूप अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) द्वारा राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से पूर्व-पंजीकृत किसानों से सीधे एमएसपी पर की जाती है।
ये भी पढ़ें – भारत में अरंडी के बीज उत्पादन में 12 प्रतिशत की गिरावट, कुल क्षेत्रफल 8.67 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान
तुअर, उड़द और मसूर की 100% खरीद होगी
दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के 100% के बराबर पीएसएस के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दी है। सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राज्य के उत्पादन का 100% तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से अगले चार वर्षों तक जारी रखी जाएगी।
ये भी पढ़ें – छोटी जोत वाले किसानों के लिए मिसाल हैं यूपी के किसान राम प्रवेश मौर्य…जानिए उनकी खेती का तरीक़ा
तुअर की कुल 13.22 एलएमटी खरीद की मंजूरी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की कुल मात्रा 13.22 एलएमटी की खरीद को मंजूरी दे दी है।
12,006 किसानों को हुआ लाभ
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है और 15.02.2025 तक इन राज्यों में कुल 0.15 एलएमटी तुअर (अरहर) की खरीद की गई है, जिससे इन राज्यों के 12,006 किसानों को लाभ हुआ है। अन्य राज्यों में भी तुअर (अरहर) की खरीद जल्द ही शुरू होगी। भारत सरकार केंद्रीय नोडल एजेंसियों अर्थात् NAFED और NCCF के माध्यम से किसानों द्वारा उत्पादित 100% तुअर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।
ये देखें –