मछुआरों (Fisherfolk) के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने मछुआरों के लिए बीमा कवरेज प्रीमियम (Insurance premium) 80 रुपए प्रति व्यक्ति तय किया गया है जो पुराने प्रीमियम से 12 फीसदी कम है। एक जून से केंद्र ने मछुआरों के लिए दो बीमा योजनाओं को एक कर दिया है ताकि प्रीमियम का बोझ कम किया जा सके और कार्यान्वयन के मुद्दों को आसान बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और समूह दुर्घटना बीमा योजना (जीएआईएस) के तहत बीमा कवरेज को मछुआरों के लिए 5 लाख रुपए का व्यापक बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए बदल दिया गया है (दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता के लिए जीएआईएस के तहत 3 लाख रुपये और पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपये)। अब तक पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपए और जीएआईएस के तहत 5 लाख रुपए का कवरेज दिया जाता था।
3.2 करोड़ मछुआरों को बीमा कवरेज प्रीमियम का लाभ
नई योजना पूरी तरह से सब्सिडी वाली है और मछुआरों को कोई प्रीमियम देने की आवश्यकता नहीं है। सरकार के अनुसार पूरा प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बीमाकर्ता को दिया जाएगा। बीमा योजनाओं के अंतर्गत लगभग 3.2 मिलियन मछुआरे आते हैं।
नेशनल फेडरेशन ऑफ फिशर्स कोऑपरेटिव्स लिमिटेड (FISHCOPFED) ने कुछ महीने पहले मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय को एक पत्र लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि मछुआरों के लिए उसकी दुर्घटना बीमा योजना को वापस ले लिए जाने से उसे बड़ा झटका लगा है। पत्र में दावा किया गया था कि FISHCOPFED को इस योजना में शामिल होने वाले प्रत्येक मछुआरे पर 2 रुपए का लाभ मिलता था जो सहकारी के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत था। जब से इस योजना को चलाने के लिए एक और कंपनी को शामिल किया गया है तब से FISHCOPFED के लिए राजस्व का यह स्रोत खत्म हो गया है।