सरकार के मुताबिक 6 अगस्त 2024 तक कुल 23.38 लाख किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं। इस योजना के तहत, बिहार 3.4 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन के साथ सबसे आगे है जबकि झारखंड 2.5 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में क्रमशः 2.5 लाख, 2 लाख और 1.5 लाख से अधिक किसान रजिस्टर्ड हैं।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY), वृद्धावस्था पेंशन योजना स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इस पहल के तहत, पात्र छोटे और सीमांत किसानों को साठ वर्ष की आयु होने के बाद 3,000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन दी जाती है। इसके लिए, किसान अपने 18 से 40 वर्ष की आयु के दौरान पेंशन फंड में मासिक योगदान करते हैं, जिसमें केंद्र सरकार का भी उतना ही योगदान होता है।
केंद्र सरकार ने 12 सितंबर, 2019 को इस योजना की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि 1 अगस्त 2019 तक 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड में सूचीबद्ध सभी किसान इस योजना के तहत लाभ के लिए पात्र हैं।
क्या है योजना?
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) के तहत, छोटे और सीमांत किसान पेंशन फंड में मासिक सदस्यता का भुगतान करके नामांकन कर सकते हैं। 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को जब तक वे 60 वर्ष के नहीं हो जाते तब तक 55 से 200 रु. प्रति माह के बीच योगदान करना होगा। एक बार जब वे 60 वर्ष की आयु तक पहुँच जाते हैं, तो नामांकित किसानों को 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पेंशन फंड का प्रबंधन करता है, और लाभार्थी रजिस्ट्रेशन की सुविधा सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) और राज्य सरकारों के माध्यम से की जाती है।
इन किसानों को नहीं मिलेगा PM-KMY का लाभ
- राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), ESICS या EPF (पीएफ) जैसी पेंशन योजना से जुड़े किसान
- बड़े जमींदार, जो संस्थागत भूमिधारक हैं
- संवैधानिक पदों पर वर्तमान या पूर्व में रहे हों
- विधायी निकायों के मौजूदा या पूर्व सदस्य
- केंद्र या राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले विभाग में नौकरी या रिटायर
- मल्टी-टास्किंग स्टाफ/वर्ग IV/समूह डी कर्मचारियों को इसमें छूट मिली है
- आवेदन से एक साल पहले के वर्ष में इनकम टैक्स भरने वाले
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए, आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल्स
PM kisan nidhi के लाभार्थियों के लिए नियम
अगर आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार से हर साल 6000 रुपये ले रहे हैं तो आप चाहें तो इस पैसों से ही पीएम किसान मानधन योजना की किस्त कटवा सकते हैं। आपको बैंक को इस बारे में सूचना देना है। इसके बाद जब भी पीएम किसान की किस्त का पैसा खाते में आएगा, आपके अकाउंट से हर महीने के अंशदान के हिसाब से पैसा कट जाएगा।
ये भी पढ़ें – बिहार के सभी 38 जिलों में वर्मी कम्पोस्ट और बायो गैस इकाइयां बनायी जाएंगी
PM-KMY के तहत प्रमुख लाभ
- मासिक योगदान: अंशदान चार्ट के अनुसार योजना में प्रवेश के समय किसान की उम्र के आधार पर मासिक योगदान 55 से 200 रु. है।
- न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन: इस योजना के प्रत्येक ग्राहक को 60 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर न्यूनतम 3000 रु. प्रति माह की पेंशन की गारंटी है।
- पारिवारिक पेंशन: यदि किसी ग्राहक की पेंशन प्राप्त करते समय मृत्यु हो जाती है, तो उनका जीवनसाथी, ग्राहक को प्राप्त होने वाली राशि के 50 प्रतिशत के बराबर यानी पारिवारिक पेंशन के रूप में 1500 रुपये प्रति माह पारिवारिक पेंशन का हकदार होगा। यह केवल तभी लागू होता है जब पति या पत्नी पहले से ही योजना का लाभार्थी नहीं है। पारिवारिक पेंशन लाभ विशेष रूप से जीवनसाथी के लिए है।
- पीएम-किसान लाभ: एसएमएफ योजना में स्वैच्छिक योगदान देने के लिए अपने पीएम-किसान लाभों का उपयोग करना चुन सकते हैं। इसके लिए, पात्र एसएमएफ को नामांकन-सह-ऑटो-डेबिट-जनादेश फॉर्म पर हस्ताक्षर करना होगा और जमा करना होगा। यह उस बैंक खाते से उनके योगदान के स्वचालित डेबिट को अधिकृत करेगा जहां उनके पीएम-किसान लाभ जमा किए जाते हैं।
- सरकार द्वारा समान योगदान: कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के माध्यम से केंद्र सरकार भी पेंशन फंड में पात्र ग्राहक द्वारा योगदान के बराबर राशि का योगदान करती है।
किस उम्र में कितने जमा करने होंगे पैसे?

आवेदन कैसे करें?
- इस योजना में नामांकन के लिए, पात्र किसानों को निकटतम सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) पर जाना होगा या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा। पंजीकरण योजना के आधिकारिक वेब पोर्टल www.pmkmy.gov.in के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के समय लाभार्थी को ये जानकारी देना अनिवार्य है जैसे किसान/पति/पत्नी का नाम और जन्मतिथि, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी/ एमआईसीआर कोड, मोबाइल नंबर, आधार नंबर ।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।