निमेटोड से बचाव से लेकर परागण तक, गेंदा फूल के अनोखे फायदे

गेंदा फूल

गेंदा फूल की खेती किसानों और खेत दोनों के लिए फायदेमंद है। इसकी जड़ें हानिकारक निमेटोड को खत्म करती हैं और तेज़ गंध कीटों को दूर रखती है। यह मिट्टी की गुणवत्ता सुधारता है और परागण को बढ़ावा देता है। साथ ही किसान फूल बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं।

गेंदा फूल न सिर्फ सजावट और सौंदर्य के लिए उपयोगी है, बल्कि यह खेती में भी कई तरह से फायदेमंद माना जाता है। किसान यदि अपनी फसलों के बीच गेंदा फूल की खेती करें तो यह खेत की सेहत और पैदावार दोनों को बढ़ाने में मदद करता है।

निमेटोड से बचाव
गेंदा फूल की जड़ों से ऐसे प्राकृतिक रसायन निकलते हैं जो मिट्टी में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीट निमेटोड के लिए ज़हरीले होते हैं। ये रसायन मिट्टी में रिसकर निमेटोड को मार देते हैं या उनके विकास को रोक देते हैं। इस तरह गेंदा फूल की खेती बिना किसी महंगे केमिकल के मिट्टी को इन हानिकारक कीटों से सुरक्षित रखती है।

प्राकृतिक कीटनाशक की तरह काम
गेंदा फूल की तेज़ गंध कई कीटों को खेत से दूर रखने में मदद करती है। इसे एक Natural Insect Repellent माना जाता है। जैसे सफेद मक्खी, एफिड्स और कई अन्य कीड़े गेंदा फूल की मौजूदगी से खेत की दूसरी फसलों पर हमला नहीं कर पाते। इससे किसानों को कीटनाशकों पर खर्च भी कम करना पड़ता है।

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मिट्टी की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार
गेंदा फूल की खेती मिट्टी की उर्वरता और संरचना को भी बेहतर बनाती है। इसकी वजह से खेत की मिट्टी अधिक उपजाऊ और पौधों के लिए अनुकूल बनती है। यही कारण है कि जिन खेतों में गेंदा फूल लगाया जाता है, वहां दूसरी फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती है।

परागण में मदद
गेंदा फूल मधुमक्खियों, तितलियों और अन्य परागण करने वाले कीटों को आकर्षित करता है। ये कीट पौधों के फूलों में परागण (Pollination) करते हैं, जिससे फल और बीज बनने की प्रक्रिया बेहतर होती है। परागण बढ़ने का सीधा असर फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन पर पड़ता है।

किसानों के लिए दोहरा लाभ
गेंदा फूल से किसानों को दोहरा फायदा होता है। एक तरफ यह खेत की मिट्टी और फसलों की सुरक्षा करता है, वहीं दूसरी तरफ किसान इसके फूल बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। शादी-ब्याह, त्योहार और धार्मिक कार्यक्रमों में गेंदा फूल की मांग हमेशा बनी रहती है। इस तरह गेंदा फूल की खेती न केवल मिट्टी और फसल की रक्षा करती है बल्कि किसानों को अच्छी पैदावार और अतिरिक्त आय भी देती है। यही कारण है कि इसे मिश्रित खेती (Intercropping) या फसल चक्र (Crop Rotation) में शामिल करना किसानों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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