इस साल मानसून में उत्तर प्रदेश के 43 जिले बाढ़ की चपेट में आए, जिससे 9.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं हालात पर नजर रखी और मंत्रियों को जिलों में राहत कार्य की जिम्मेदारी सौंपी। सरकार ने अब तक 1,00,404 लोगों को सुरक्षित पहुंचाया, 1.82 लाख खाद्यान्न व 10.30 लाख लंच पैकेट, पशुओं के लिए 14,740 क्विंटल भूसा, और स्वास्थ्य हेतु क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस, टीके उपलब्ध कराए। मौजूदा समय में प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 18 रह गई है और सरकार ने हर पीड़ित के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।
उत्तर प्रदेश में इस साल मानसून के दौरान नदियों का प्रकोप देखने को मिला। लगातार बारिश और नदियों की उफान से प्रदेश के 43 जिले प्रभावित हुए। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार, अब तक 116 तहसीलें, 2673 गांव और 123 वार्ड जलभराव की चपेट में आए। कुल मिलाकर 9,55,654 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। हालांकि, इस मुश्किल समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार लोगों के लिए ढाल बनकर खड़ी रही। सीएम खुद हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने आदेश दिया कि सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में राहत कार्य की कमान संभालें।
राहत और बचाव कार्य
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाए गए हैं। अब तक 1796 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और 1273 मेडिकल टीमें बनाई गई हैं। वहीं, 3579 नाव और मोटरबोट बचाव कार्य में लगातार लगी हुई हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए 1391 शरणालय बनाए गए हैं, जिनमें से 557 वर्तमान में सक्रिय हैं, जहां करीब 79,958 लोग ठहरे हुए हैं। इसके अलावा, अब तक 1,00,404 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सरकार ने प्रभावित परिवारों को भोजन और आवश्यक सामग्री मुहैया कराने में भी पूरी तत्परता दिखाई है। अब तक 1,82,216 खाद्यान्न पैकेट और 10,30,534 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। मकान क्षति के मामलों में कुल 774 मकान प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 637 परिवारों को सहायता राशि दी जा चुकी है, और शेष परिवारों को भी जल्द मदद पहुंचाई जाएगी।
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पशुओं के लिए विशेष व्यवस्था
पशुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसके तहत अब तक 14,740 क्विंटल भूसा वितरित किया गया है। वहीं, पीने के पानी और स्वास्थ्य की दृष्टि से 92,020 क्लोरीन टैबलेट और 3,58,555 ओआरएस पैकेट बांटे गए हैं। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में विषैले जीव-जंतुओं और बीमारियों से बचाव के लिए एंटी स्नेक वैनम और एंटी रैबिज टीके का पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध कराया गया है।
प्रभावित जिले
बाढ़ से प्रभावित 43 जिलों में बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, फर्रुखाबाद, गोंडा, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, उन्नाव, वाराणसी, मऊ, औरैया, अमरोहा, बस्ती, बांदा, बाराबंकी, कन्नौज, हापुड़, बिजनौर, संभल, संत कबीर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, मुरादाबाद, कानपुर देहात, फतेहपुर, अयोध्या, जालौन, आगरा, इटावा, चित्रकूट, हमीरपुर, भदोही, मथुरा और श्रावस्ती शामिल है।
मौजूदा स्थिति
अभी राहत की बात यह है कि प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 18 रह गई है। इनमें बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, फर्रुखाबाद, गोंडा, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, उन्नाव और वाराणसी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि “आपदा की इस घड़ी में सरकार हर नागरिक के साथ खड़ी है और किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।