वैश्विक संकट के बावजूद देश में खाद आपूर्ति सामान्य: केंद्र सरकार

खाद आपूर्ति

केंद्र सरकार ने कहा है कि खरीफ 2025 सीजन में खाद की कोई कमी नहीं है और किसानों को समय पर व पर्याप्त मात्रा में सप्लाई दी जा रही है। राजस्थान और यूपी में एमआरपी से ज्यादा दाम पर खाद बेचने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक 183 लाख टन यूरिया, 49 लाख टन डीएपी और 97 लाख टन कॉम्प्लेक्स खाद उपलब्ध है, जो जरूरत से कहीं ज्यादा है। वैश्विक संकट के बावजूद सरकार की कूटनीतिक और सप्लाई व्यवस्थाओं की वजह से खाद की आपूर्ति सामान्य बनी हुई है।

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और किसानों को समय पर और बराबर मात्रा में खाद मिले, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।

इसी बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के हर जिले में खाद आसानी से उपलब्ध हो ताकि किसानों को परेशानी न हो। वहीं, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में यूरिया ब्लैक मार्केट में 400 रुपये प्रति बोरी बेचा जा रहा है, जबकि इसकी असली कीमत 266 रुपये है। उन्होंने राज्य सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। पिछले महीने, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने खुद एक विक्रेता को यूरिया एमआरपी से ज्यादा दाम पर बेचते पकड़ा और उसका लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दिया था।

खरीफ सीजन में 183 लाख टन यूरिया उपलब्ध
खाद विभाग ने बताया कि इस खरीफ सीजन में 183 लाख टन यूरिया उपलब्ध है, जबकि जरूरत 143 लाख टन की थी और अब तक 155 लाख टन की बिक्री हो चुकी है। यह पिछले साल की तुलना में 13 लाख टन ज्यादा है। इसी तरह, डीएपी की उपलब्धता 49 लाख टन है, जबकि जरूरत 45 लाख टन की थी। कॉम्प्लेक्स खाद (N,P,K,S वाले) की उपलब्धता 97 लाख टन है और बिक्री 64.5 लाख टन हो चुकी है।

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खाद की आपूर्ति सामान्य
सरकार ने कहा कि वैश्विक संकट के बावजूद समय पर कूटनीतिक बातचीत, सप्लाई की बेहतर व्यवस्था और लंबी अवधि के समझौतों की वजह से किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी गई। इसलिए इस खरीफ 2025 सीजन में सभी राज्यों में खाद की आपूर्ति सामान्य और संतोषजनक बनी हुई है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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