उर्वरक कंपनियों ने सरकार से मांगी राहत, कच्चे माल पर GST घटाने की अपील

उर्वरक कंपनियों ने सरकार से मांगी राहत

फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) ने सरकार से मांग की है कि अमोनिया और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे कच्चे माल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया जाए, ताकि ये दरें तैयार उर्वरकों पर लगने वाले टैक्स के बराबर हो सकें। FAI का कहना है कि सब्सिडी टैक्स से बाहर होने के कारण कंपनियों के पास लगभग ₹5,500 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) फंसा हुआ है, जिससे उनकी कार्यशील पूंजी और कच्चा माल खरीदने की क्षमता प्रभावित हो रही है।

फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उर्वरक बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल, जैसे अमोनिया और सल्फ्यूरिक एसिड पर लगने वाला जीएसटी (GST) 18% से घटाकर 5% किया जाए। दरअसल, तैयार उर्वरकों पर केवल 5% GST लगता है, लेकिन इन्हें बनाने वाले कच्चे माल और पैकिंग मटेरियल पर कहीं ज़्यादा, यानी 18% या उससे अधिक टैक्स वसूला जाता है। इस टैक्स अंतर की वजह से उर्वरक कंपनियों को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अगली बैठक में बदलाव करने की बात कही
FAI के प्रतिनिधियों ने 26 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर अगली GST काउंसिल बैठक में बदलाव करने की बात कही। उनका कहना है कि सब्सिडी को टैक्स से बाहर रखे जाने की वजह से उर्वरक कंपनियों के पास इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का बड़ा हिस्सा अटका हुआ है। अनुमान है कि यह राशि करीब ₹5,500 करोड़ हो सकती है।

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उत्पादन और सप्लाई चेन हो रही है प्रभावित
FAI का कहना है कि इतनी बड़ी रकम फँसने से कंपनियों की कार्यशील पूंजी पर गंभीर असर पड़ा है। कंपनियों के पास कच्चा माल खरीदने और समय पर तैयार उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं बच पा रही है। इससे न केवल उत्पादन और सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है, बल्कि किसानों तक समय पर खाद पहुँचाना भी मुश्किल हो रहा है।

सस्ती दरों पर खाद पहुँचाने में मिलेगी मदद
संगठन का मानना है कि अगर सरकार कच्चे माल पर लगने वाला GST घटाकर 5% कर दे या फिर इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड दे दे, तो इससे उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी। यह कदम न केवल उर्वरक कंपनियों को वित्तीय मजबूती देगा, बल्कि किसानों तक समय पर और सस्ती दरों पर खाद पहुँचाने में भी मददगार साबित होगा।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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