डेयरी बिज़नेस में पशुओं की देख भाल विशेष रूप से उनके खाने का ध्यान सबसे महत्वपूर्ण होता है। डेयरी बिज़नेस करने वालों का मानना है कि पशुओं के लिए पोषण से भरपूर चारा बहुत ज़रूरी होता है। हरदोई, उत्तर प्रदेश के सानिध्य अवध भी IT सेक्टर में शानदार करियर और लाखों के पैकेज को छोड़कर डेयरी का बिज़नेस करते हैं। सफल भी हैं। न्यूज़ पोटली से उन्होंने पशुओं के लिए पोषण से भरपूर चारा तैयार करने का तरीक़ा साझा किया है, जिसे साइलेज भी कहा जाता है।

क्या है silage?
साइलेज एक high nutritious fodder है, जिसे मक्का, ज्वार, बाजरा और हरी घास जैसी फसलों के fermentation से तैयार किया जाता है। इसमें सूखे चारे की तुलना में ज्यादा पोषण होता है, और लगभग 16-17% तक प्रोटीन होती है। ये ना केवल पशुओं की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि दूध के उत्पादन को भी बढ़ाने में सहायक माना जाता है।

सानिध्य अवध अपने डेयरी के पशुओं को हर मौसम में साइलेज देते है। उनका खाना है कि पशुओं को स्वास्थ्य तो ठीक रहता ही है। दूध उत्पादन भी ज़्यादा होता है। उन्होंने साइलेज बनाने की प्रक्रिया बतायी है कि किसान को ये बनाने के लिए किस फसल या हरी घास का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसे लंबे समय तक स्टोर भी किया जा सकता है,जो हरा चारा के साथ संभव नहीं है।
अवध ने बताया कि क्यों साइलेज, हरी घास और सूखे चारे से बेहतर है?

साइलेज के कई फायदे
आप इसे लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं । अवध के मुताबिक़ इसे 6 महीने से 1 साल तक बिना खराब हुए स्टोर किया जा सकता है। इसमें इसमें हरी घास के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्व होते हैं। इसमें बार-बार हरा चारा उगाने की जरूरत नहीं होती। इसलिए इसमें मेहनत और खर्च भी कम है। हर मौसम में पशुओं को खिलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पशु इसे आसानी से पचा सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।
कैसे तैयार होता है, जानने के लिए वीडियो देखिए-
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।