किसान हर तीसरे साल करायें मिट्टी की जांच, बेहतर होगा उत्पादन-डॉ. सिंह

लहार (भिंड)। अपनी मिट्टी पहचानो अभियान के तहत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लहार क्षेत्र के गांव चंद्रावली नंबर-2 एवं निकरा परियोजना के अंतर्गत गांव गिरवासा में मृदा परीक्षण शिविर एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर किसानों को मिट्टी का नमूना लेने की विधि बताई गई और मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।

किसानों से बात करते हुए डॉ. एस.पी. सिंह कहते हैं “आज हमारी मृदा बीमार हो गई है, इसका स्वास्थ्य बहुत खराब है। जब तक किसान मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा नहीं करेंगे तथा उसका ध्यान नहीं रखेंगे तब तक जमीन से हम अच्छा पोषण युक्त खाद्यान्न, दलहन-तिलहन, फल-सब्जी, पशुओं के लिए पोषण युक्त चारा नहीं प्राप्त कर सकते।”

उन्होंने आगे कहा मृदा का स्वास्थ्य अच्छा बना रहे तथा उससे बेहतर उत्पादन मिलता है। इसके लिए किसानों को हर तीसरे साल के अंतराल पर अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में 12 पोषक तत्वों की जांच की जाती है। मृदा जांच से पता चल जाता कि जमीन में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है। इसके बाद किसान मृदा जांच के आधार पर संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरक एवं पोषक तत्व अपने खेतों में डालकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।

बेहतर उत्पादन के लिए 16 पोषक तत्व होने जरूरी

फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी में 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन स्वतः ही वायुमंडल के माध्यम से प्राप्त होते हैं। जबकि नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश मुख्य पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा कैल्सियम, मैग्नीशियम,सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिबडनम, क्लोरीन सूक्ष्म पोषक तत्व की श्रेणी में आते हैं। मिट्टी की जांच में इन्हीं 12 पोषक तत्वों की जांच की जाती है ।

फावड़ा से ‘वी’ आकार का कट लगाकर करें खुदाई

फसल काटने के बाद खेत के बीच में तथा चारों कोनों से फावड़ा से ‘वी’ आकार का कट लगाकर खुरपी की सहायता से ऊपर की पांच इंच तक की मिट्टी का नमूना लेकर सभी नमूनों की मिट्टी को मिलाकर उसमें से ढाई सौ ग्राम मिट्टी एक थैली में भरकर जांच हेतु भेजे।

नमूना लेते समय इन बातों का रखें ध्यान

खेत में मिट्टी का नमूना लेते समय ध्यान रखना चाहिए कि कभी पेड़ के नीचे से, मेड के किनारे से और जहां खाद पड़ी हो वहां से नही लेना चाहिए। नमूना हमेशा साफ जगह से ही एकत्र करें तथा मिट्टी के नमूना में आए कूड़े कचरे को छानकर- पीसकर अलग कर दें।

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