दिल्ली /लखनऊ। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसान संगठनों एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों से आग्रह किया है कि वे गणतंत्र दिवस के दिन अपने जिले और ब्लॉक स्तर पर ट्रैक्टर की परेड निकालें। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों व ट्रेड यूनियनों से आग्रह किया है कि 16 फरवरी को भारत बंद करने का आग्रह किया है। संयुक्त किसान मोर्चा से अलग गुट (संयुक्त किसान मोर्चा- राजेवाल) समेत कुछ संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली में कूच का भी ऐलान किया है।
पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ट्रैक्टर रैली निकालने के साथ 5 जनवरी से 5 दिन के लिए डीसी ऑफिस पर धरना भी देगा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और एसकेएम नेता राकेश टिकैत ने कहा, “हमने 16 फरवरी को भारत बंद करने का आग्रह किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) समेत कई अन्य संगठनों ने इसका समर्थन किया है। उसदिन दिन एग्रीकल्चर हड़ताल है। किसान उसदिन खेत में ना जाएँ। हम व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से समर्थन करने की अपील करते हैं।” उन्होंने आगे कहा हम दुकानदारों दुकानों को बंद रखने की अपील करते हैं। इससे देश में एक बड़ा सन्देश जायेगा।
किसान नेता रमनदीप सिंह मान ने कहा कि पूरे देश से किसान संगठनों को समर्थन मिल रहा है, 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली ने बड़ा संदेश दिया जाएगा।
उधर, दिल्ली में आंदोलन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हुए दूसरे गुट ने 13 फरवरी को दिल्ली में कूच का ऐलान किया है। कई संगठनों ने इसका समर्थन भी किया है। एमएसपी और किसानो के साथ वादाखिलाफी समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर किसान दिल्ली में कूच करेंगे। किसान संगठनों के मुताबिक दिल्ली कूच के लिए वो गांव-गांव जाकर किसानों से इसमें शामिल होने की अपील कर रहे हैं।
378 दिन चले पिछले किसान आंदोलन की मुख्य बातें
14 सितम्बर 2020: सरकार ने कृषि कानून सम्बंधित तीनो अध्यादेशों को सदन में पेश किया था।
17 सिम्बर 2020: इस तारीख को तीनो बिल लोकसभा में पारित हुए थे।
20 सिम्बर 2020: इस दिन तीनो कृषि बिल राज्यसभा में पारित हुए थे।
27 सिम्बर 2020: इस दिन राष्ट्रपति ने तीनो कृषि बिलों पर मुहर लगा दी थी।
25 नवम्बर 2020: इस दिन किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आवहन किया ।
26 नवम्बर 2020: इस दिन दिल्ली की ओर जा रहे कुछ किसानों का पुलिस से सामना हुआ था। पुलिस ने किसानो को आगे बढ़ने से रोका था। इस दौरान किसानों पर वाटर कैनन से पानी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे। इसके बाद किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर अपना डेरा डाल दिया था।
8 दिसम्बर 2020 : इस किसानो ने भारत बंद का ऐलान किया।
11 दिसंबर 2020 : इस दिन तीनो कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई।
12 जनवरी 2021: इस दिन सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को स्थगित कर दिया था।
26 जनवरी 2021: इस दिन किसान संगठनो ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़पें भी हुई थी।
7 अगस्त 2021 : इस दिन संसद में किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी।
19 नवंबर 2021 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था आगामी सत्र में इन तीनो कृषि कानूनों को वापस ले लिया जायेगा।
24 नवम्बर 2021: इसके बाद 24 नवम्बर 2021 को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी।
29 नवम्बर 2021: शीतकालीन सत्र में 29 नवम्बर 2021 को संसद के दोनों सदनों में इस कानून की वापस पर मुहर लग गई थी।
1 दिसम्बर 2021: उस समय के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने को तीनों कृषि कानून बिलों पर वापसी की पर मुहर लगा दी थी।
9 दिसंबर 2021: इस दिन सुबह किसानों के पास सरकार की ओर आधिकारिक पत्र आया था । इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन स्थगित करने व मोर्चा हटाने की घोषणा की थी।