कोलकाता। पश्चिम बंगाल के किसानों के लिए इस बार आलू की बंपर पैदावार चिंता का कारण बन गई है। हुगली जिले के किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने आलू के निर्यात पर लगी पाबंदी नहीं हटाई और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू नहीं किया, तो उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। इस वक्त आलू की कीमतें 7 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रही हैं, जो पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। दुकानों पर आलू 12 से 16 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
इस साल आलू की पैदावार बहुत अधिक होने की उम्मीद है, लेकिन आलू की कीमतें बेहद कम हैं, जिससे किसानों का लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।पश्चिम बंगाल के कृषि विभाग के मुताबिक, इस बार हुगली, बर्धमान, दक्षिण 24 परगना और उत्तर बंगाल में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की गई है, जिससे पैदावार अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन आलू व्यापारियों को डर है कि अगर सरकार ने आलू की सप्लाई को लेकर कोई नई नीति नहीं बनाई तो किसान परेशानी में पड़ सकते हैं।
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किसानों का कहना है कि इस साल पैदावार ज़्यादा होगी, लेकिन अगर सरकार निर्यात के बारे में नहीं सोचती है, तो हम लागत भी नहीं निकाल पाएंगे। आलू 3 रुपये किलो बिक रहा है, जो कीटनाशकों और उर्वरकों की लागत वसूलने के लिए अपर्याप्त है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो हम सभी का नुकसान होगा।
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बंगाल सरकार से किसानों की मांग है कि आलू के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर विचार किया जाए और सप्लाई पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए, ताकि वे उचित कीमत पर अपनी उपज बेच सकें। इसे बहुत कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है कि अगर सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया, तो आलू के व्यापार में अफरा-तफरी मच सकती है।