किसानों का उपराष्ट्रपति धनखड़ को खत- MSP कानून और स्वामीनाथन आयोग को लेकर सरकारों के वादों की दिलाई याद

उपराष्ट्रपति धनखड़

MSP गारंटी कानून बनाने व स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP तय करने समेत 12 मांगों को पूरा करवाने के लिए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज(5 दिसंबर) 10वां दिन है, उन्होंने ऐलान किया हुआ है कि या तो केंद्र सरकार हमारी मांगें पूरी करे या फिर वो अपने प्राण खनौरी बॉर्डर पर ही त्याग देंगे।

आज, 10वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खनौरी बॉर्डर पर जारी रहा, आज फतेहगढ़ साहिब व पटियाला से नौजवानों के एक बड़ा दल खनौरी मोर्चे पर पहुंचा। हालिया समय में माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा किसानों पर दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेताओं ने कहा कि हम ने आज माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी को एक विस्तृत चिट्ठी तथ्यों के साथ लिखी है।

किसान नेता डल्लेवाल ने उपराष्ट्रपति को किया शुक्रिया

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल चिट्ठी में लिखते हैं कि माननीय उपराष्ट्रपति जी, हालिया समय में आप ने किसानों के मुद्दों पर गम्भीरता व गहरी समझ दिखाते हुए कई अति-महत्वपूर्ण बयान दिए हैं, जिसके लिए हम आपका शुक्रिया करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आप आने वाले समय में इन मुद्दों पर जरूरी दिशा-निर्देश केंद्र सरकार को देंगे।
2020-21 के आंदोलन में किसान 13 महीने सड़कों पर बैठे रहे और अब 2024 में किसान 10 महीनों से सड़कों पर शम्भू, खनौरी एवम रत्नपुरा बॉर्डरों पर बैठे हैं। अलग-अलग समय पर सरकारों द्वारा किसानों के साथ किये गए वायदों को पूरा कराने के लिए 13 फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा ने “दिल्ली चलो” का कार्यक्रम शुरू किया जिसे रोकने के लिए पुलिस ने हिंसात्मक कारवाई करते हुए 1 किसान शुभकरण सिंह को शहीद किया, 5 किसानों की आंखों की रोशनी छीन ली एवम 433 किसानों को घायल कर दिया। माननीय उपराष्ट्रपति जिन मुद्दों पर हमारा आंदोलन चल रहा है, ये सिर्फ हमारी मांगें नहीं बल्कि अलग-अलग समयों पर सरकार द्वारा हमारे साथ किये गए वायदे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किया वादा याद दिलाया
2011 में जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उपभोक्ता मामलों की कमेटी के चेयरमैन थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय डॉ मनमोहन सिंह को रिपोर्ट भेजकर कहा था कि किसी भी व्यापारी द्वारा किसी भी किसान की फसल सरकार द्वारा निर्धारित MSP से नीचे नहीं खरीदी जानी चाहिए, उस रिपोर्ट की कॉपी इस पत्र के साथ संलग्न है। किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए बनाए गए डॉ स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट दी, 2014 तक यूपीए की सरकार सत्ता में रही लेकिन उन्होंने रिपोर्ट लागू नहीं करी, 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान माननीय नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वे प्रधानमंत्री बने तो स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार फसलों का MSP तय करेंगे।

चिट्ठी में इन बातों का जिक्र
चिट्ठी में लिखा गया है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद 2015 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते हैं, उस हलफनामे की कॉपी भी साथ में संलग्न है। 2018 में पंजाब की चीमा मंडी में 35 दिन धरना देने के बाद में माननीय अन्ना हजारे एवम माननीय जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया था, उस समय तत्कालीन कृषि मंत्री माननीय राधा मोहन सिंह एवम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से माननीय डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा हस्ताक्षरित चिट्ठी आंदोलनकारी नेताओं को सौंपी थी जिसमें साफ तौर पर लिखा था कि केंद्र सरकार 3 महीने में स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले को लागू करेगी लेकिन 6 साल बीत जाने के बावजूद आज तक उसे लागू नहीं किया गया, उस चिट्ठी की कॉपी भी साथ में संलग्न है।

“अब इन सरकारों के वायदों पर विश्वास नहीं होता”

2020-2021 में 378 दिनों तक चले आंदोलन को स्थगित करते समय 9 दिसंबर 2021 को एक चिट्ठी कृषि मंत्रालय द्वारा हमें सौंपी गई थी जिसमें MSP को प्रभावी बनाने, खेती कार्यों को प्रदूषण कानून से बाहर निकालने, लखीमपुर खीरी के घायलों को उचित मुआवजा देने, बिजली बिल को संसद में पेश करने से पहले किसानों से चर्चा करने एवम आंदोलनकारी किसानों पर आंदोलन सम्बन्धी मुकदमे वापिस लेने समेत कई लिखित वायदे किये गए थे जो आज तक अधूरे हैं, उस चिट्ठी की कॉपी भी साथ में संलग्न है।

माननीय उपराष्ट्रपति जी, तमाम सरकारों ने हम से इतनी वायदाखिलाफ़ी करी है कि अब इन सरकारों के वायदों पर विश्वास नहीं होता इसलिए हम सड़कों पर बैठकर आंदोलन करने को मजबूर हैं। हमारा आप से निवेदन है कि भारत के दूसरे सर्वोच्च पद पर कार्यरत होने के नाते आप केंद्र सरकार को आदेश दें कि वह किसानों से किये गए वायदे पूरे करे, यदि आप चाहेंगे तो हम आप से मुलाकात कर के तथ्यों सहित सभी मुद्दे विस्तृत तरीके से आप के सामने रख सकते हैं।


मीडिया से बात कर कही ये बात

इसे लेकर मीडिया को सम्बोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि 9 दिसंबर को मोर्चे के 300 दिन पूरे होने पर पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में किसान अपने क्षेत्र के सांसदों के घर के सामने सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक 1 दिन की भूख हड़ताल जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में करेंगे, किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब के किसानों की ड्यूटी खनौरी और शम्भू मोर्चों को निरंतर मजबूत करने के लिए लगाई है।

उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री से किए तीखे सवाल
किसान आंदोलन को लेकर बीते दिनों देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया कि किसानों से वादा किया गया था, वह वादा क्यों नहीं निभाया गया? अपनी बात रखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “किसानों से बात क्यों नहीं हो रही है? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?” उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह समय उनके लिए कष्टदायक है, क्योंकि पिछले साल भी किसानों का आंदोलन था और इस साल भी किसानों की आवाज उठ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस आंदोलन का सीमित आंकलन करना भूल होगी।

जगदीप धनखड़ ने शिवराज सिंह चौहान की ओर मंच से देखते हुए कहा कि मेरा आपसे आग्रह है, भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है, कृपया करके मुझे बताइए किसानों को वादा किया गया था? क्या वादा किया गया था? वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था,इस साल भी आंदोलन है। काल चक्र धूम रहा है और हम कुछ नहीं कर रहे हैं।

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