सरकार द्वारा की गई आत्मनिर्भरता की अपील, एमएसपी पर दालों की खरीदी का आश्वासन देने के बाद किसानों ने उत्पादन बढ़ाया लेकिन बम्पर उत्पादन के कारण अन्य देशों में भी दालों के दाम गिर गए. अन्य देशों से सस्ती रेट पर दाल देश में आई, जिसके करण दालों के दाम एमएसपी से कम हो गए.
शेतकरी संगठन के संस्थापक सदस्य विजय जावंधिया ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री को दालों के आयात पर 100 प्रतिशत ड्यूटी लगाने के लिए पत्र लिखा.
उन्होंने पत्र में लिखा कि केंद्र सरकार बार बार तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता की बात करती है और भारत रत्न स्वामीनाथन के सुझाव पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी देने की बात करती है. लेकिन वास्तविकता ये है कि केंद्र सरकार C2+50% के अनुसार एमएसपी की बात नहीं करती. बल्कि केंद्र सरकार A2 + FL पर 50 प्रतिशत के अनुसार ही एमएसपी की बात करती है, जो C2+ 50% से क़रीब 30 प्रतिशत कम है.

10400 रुपये प्रति क्विंटल होनी चाहिए
उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि साल 2025 -26 के लिए सरकार ने अरहर के लिए 8000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है, जो C2+50 % के हिसाब से 10400 रुपये प्रति क्विंटल होनी चाहिए. उन्होंने पत्र में लिखा कि लेकिन वास्तव में किसानों को बाज़ार में अरहर 6000 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल दाम से ही बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है और लगभग यही स्थिति सभी दालों की है. इसका मुख्य कारण है सरकार द्वारा जीरो प्रतिशत आयात कर पर दालों के मुक्त आयात की अनुमति देना.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।