मार्च में हुई बारिश और आंधी-तूफान के चलते पूरे देश में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है, अकेले मध्य प्रदेश के 20 जिलों में फसल बर्बाद हो गई।
शिशिर अग्रवाल
खरगोन: मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में बेमौसम बारिश ने किसनों की खड़ी फसल पर पानी फेर दिया है। पहले तय वक्त पर गेहूं की फसल की बेहतर उपज के लिए जरूरी ठंड नहीं पड़ी..और अब मार्च में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
बोरियों की संख्या के आधार पर, जिले के एक किसान के मुताबिक इस बार 40 बोरी तक उनकी गेहूं की पैदावार होती लेकिन सिर्फ 10 बोरी ही निकलने का अंदेशा बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वजन के आधार पर अनिल, गेहूं किसान ने बताया कि 50-55 कुंटल मिलने वाला गेहूं अब 20 कुंटल में ही सिमट कर रह जाएगा।
अनिल आगे बताते हैं- “गेहूं का बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ है.. और चने की फसल में भी प्रकृति की जो मार है वो बहुत पड़ी है। क्योंकि समय-समय पर प्रकृति साथ नहीं दे रही है। और सरकार भी उसी के मुताबिक हमारी मदद नहीं कर रही है।”
दिलीप यादव ने न्यूज़ पोटली को बताया कि पिछले कुछ साल से उनकी फसल यूं ही प्राकृतिक बदलाव की भेंट चढ़ जा रही है। ऊपर से सरकार की बेरुखी किसानों को और उदास कर रही है।
दिलीप आगे बताते हैं “इस बार करीब 2 एकड़ में गेहूं बोया था। खेत से करीब 20 क्विंटल गेहूं के उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के चलते उत्पादन आधे से भी कम हो जानने की उम्मीद है, महज 8-10 क्विंटल गेहूं निकलेगा।”
दिलीप की ही तरह एक और किसान है रविन्द्र यादव उनकी भी फसल बेमौसम बारिश में चोपट हो गई। रविंद्र की 6 एकड़ की गेहूं की फसल ख़राब हो गई है। उन्होंने अपनी फसल का बीमा भी करवाया था मगर अब उन्हें बीमा की राशी मिलेगी इसे लेकर वो आश्वस्त नहीं हैं। रविन्द्र कहते हैं कि वो बीमा हर साल करवाते हैं मगर पैसा कभी भी नहीं मिलता।
एक्स्ट्रीम वेदर इफेक्ट लगातार खेती को मुश्किल बनाता जा रहा है। India’s Atlas on Weather Disasters के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी दोनों महीनों में 59 में से 28 दिन भारत ने एक्स्ट्रीम वेदर इफेक्ट का सामना किया। इसकी वजह से करीब 389,127 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट बताती है कि इस साल फसल का जितना नुकसान जनवरी-फरवरी में हुआ, वो 2022 में जनवरी-फरवरी में हुए फसल के नुकसान से 13 गुना ज्यादा है।
फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने निकले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि असमय बारिश से फसलों के 50 प्रतिशत से अधिक के नुकसान पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। भैंस की हानि पर 37 हजार, भेड़-बकरी पर 4000 और मुर्गा-मुर्गी की हानि पर 100 रुपए की दर से राहत राशि दी जाएगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि किसानों को कर्ज वसूली की तरीख आगे बढ़ाई जाएगी अगली फसल के लिए भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाएगा।
मार्च में हुई बारिश और आंधी-तूफान के चलते पूरे देश में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है, अकेले मध्य प्रदेश के 20 जिलों में फसल बर्बाद हो गई। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और नासिक में किसानों की आस पर पानी फेर दिया। मराठवाड़ा में 62 हजार हेक्टेयर जबकि नासिक रीजन में 4 हजार हेक्टयर फसल इस साल अब तक खराब हो चुकी है। और यही हाल दूसरे राज्यों का भी है।