दुनिया भर में हर साल आज, 22 अप्रैल के दिन को ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचना और यह कोशिश करना है कि सभी पृथ्वी को सुरक्षित बनाए रखने में योगदान दें. यह हर पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित पृथ्वी बनाए रखे. हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। पृथ्वी दिवस 2025 की थीम हमारी शक्ति, हमारा ब्रह्मांड (Our Power, Our Planet) है।
पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां जीवन संभव है। यह केवल इंसानों के लिए नहीं, बल्कि सभी जीवों के लिए जीवन का आधार हैं। पृथ्वी पर हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश, चांद की शीतलता और अनुकूल तापमान समेत जीवन जीने के लिए सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। इसलिये आने वाली पीढ़ियों के लिए इन सभी संसाधनों को बनाये रखना हमारा कर्तव्य है।
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना, पर्यावरण संरक्षण में आने वाली चुनौतियों से लड़ना, लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताना, जनसंख्या वृद्धि पर नजर रखना, वनों की कटाई को रोकना, प्रदूषण कम करने की तरफ कदम बढ़ाना और पृथ्वी के हित में कार्य करने के लिए सभी को जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है.
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पृथ्वी दिवस का इतिहास
धरती के संरक्षण से जुड़े इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई थी। सबसे पहले अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर इस दिन की शुरुआत की।एक साल पहले 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की वजह से त्रासदी हो गई। इस हादसे में कई लोग आहत हुए और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला लिया गया।इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल को लगभग दो करोड़ अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस पहली बार मनाया।
हम सभी को ये जरूर करना चाहिए
सिर्फ़ आज के दिन ही नहीं बल्कि हर रोज हम सभी को ये काम करना चाहिए जिससे कम से कम संसाधन में काम भी हो जाये और चीजें व्यर्थ भी ना हो। सबसे ज़रूरी बात की हमें अपने बच्चों को बचपन से ही इस ओर ध्यान दिलाना चाहिए ताकि ये सभी बातें उसकी आदत में आ जाये। हमें हर संभव पानी बचाने की कोशिश करनी चाहिए, प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें या ना करें, बिजली का इस्तेमाल जरूरत पर ही करें, पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को हरा बनाए रखें, प्रदूषण कम करें और नदी-नालों में गंदगी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही फेंकें, ओवर कंजंप्शन से बचें, जिन चीजों की जरूरत ना हो उन्हें ना खरीदें।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।