जलवायु परिवर्तन और धान(paddy) की खेती में पानी की ज़्यादा खपत को देखते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के किसानों को धान(paddy) के बजाए मक्का और ज्वार की फसल लगाने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जुलाई में औसत से कम वर्षा हुई है और अभी ख़रीफ़ सीजन की बुवाई 25-30 बाक़ी है, ऐसे में ख़ाली खेतों में किसान मक्का, दलहन और तिलहन जैसे फसलों की बुवाई कर दे।
मानसून की बारिश लगभग हर राज्यों में हो रही है लेकिन कहीं इतना ज़्यादा की बाढ़ की शक्ल ले लिया है और कही इतना कम की वहाँ के किसान अभी भी धान की बुवाई के लिए अच्छी बारिश के इंतज़ार में हैं और कहीं कहीं सामान्य भी है। वर्षा के इस पैटर्न को देखते हुए राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को धान की फसल लगाने को मना किया है और उसके बदले मक्का, ज्वार और दूसरी दलहनी – तिलहनी फ़सल लगाने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मध्य में बुंदेलखंड सहित कई हिस्सों में ज़रूरत से कम वर्षा हुई है और अभी फसल की बुवाई करनी बाक़ी है ऐसे में किसान बारिश का इंतज़ार ना करें बल्कि धान के बदले दूसरे फसलों की खेती करें।
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इन फसलों पर 50%का अनुदान देगी सरकार
मंत्री शाही ने बताया कि इन फसलों की माँग को देखते हुए किसानों को मक्का विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत संकर मक्का की बीज पर 50% का अनुदान दिया जा रहा है। इससे किसान इनकी खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी।
कृषि मंत्री ने और क्या कहा?
मंत्री ने कहा कि देशी मक्का छह हज़ार प्रति हेक्टेयर, बेबी कॉर्न मक्का पर चालीस हज़ार प्रति हेक्टेयर और स्वीट कॉर्न मक्का पर पचास हज़ार प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विकासखंडों पर निजी कंपनियाँ मक्का, बाजरा, और ज्वार के हाइब्रिड बीज का स्टाल लगा रहीं है, इन बीजों की ख़रीद पर भी किसानों को 50% का अनुदान दिया जाएगा।
आगे कहा कि विकासखंड के कार्य केंद्रों पर ज्वार, बाजरा, मडुवा, सांवा, कोदो के मुफ़्त में बीज मिनी किट दिये जा रहे हैं साथ में दलहन तिलहन के भी बीज दिये जा रहे हैं। इनका फ़ायदा भी किसान उठा सकते हैं।
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