हरियाणा में धान की सीधी बिजाई यानी DSR तकनीक से खेती करने वाले किसानों को सरकार 4500 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है.
हरियाणा में धान की सीधी बिजाई यानी DSR तकनीक से धन की बुवाई करने वाले किसानों को सरकार प्रोत्साहन राशि देती है, जिसमें इस बार 500 रुपये प्रति एकड़ की बढ़ोतरी की है। सरकार ने इस साल प्रति एकड़ 4,500 रुपये देने की पेशकश की है। राज्य सरकार धान की बिजाई में लागत और पानी की ज़्यादा खपत को देखते हुए इस तकनीक को बढ़वा दे रही है। इसके लिए किसानों को DSR बुवाई मशीनें खरीदने के लिए 40,000 रुपये तक की सब्सिडी भी दे रही है।
आपको बता दें कि इस साल हरियाणा में 4 लाख एकड़ जमीन में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सिरसा और फतेहाबाद जैसे जिलों में पिछले साल की तुलना में लगभग 50 फीसदी अधिक कवरेज का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि पिछले साल डीएसआर के लिए 5.06 लाख एकड़ से अधिक खेत रजिस्टर्ड थे, लेकिन केवल 1.56 लाख एकड़ ही बुवाई हो पाई।
उदाहरण के लिए सिरसा में 90,000 एकड़ जमीन रजिस्टर्ड थी, लेकिन सर्वेक्षणों ने पुष्टि की कि डीएसआर का उपयोग करके केवल 70,000 एकड़ में ही धान बोया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी बड़ी वजह भुगतान में देरी बतायी जा रही है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों का समय पर भुगतान निश्चित किया जाए।
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DSR तकनीक के फायदे
डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई से पानी का उपयोग 25-30 फीसदी और बिजली की खपत 20-30 फीसदी तक कम हो सकती है। इससे मेहनत, नर्सरी लागत और रोपाई पर भी बचत होती है। यह विधि न केवल संसाधनों को बचाती है बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी मदद करती है।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।