बिहार सरकार राज्य के 28 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे (Digital crop survey) कराने की तैयारी में है। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस सर्वे के माध्यम से किसानों और उनके फसलों की सही जानकारी मिलेगी जिससे हमें कोई योजना बनाने और योजना का लाभ किसानों को देने में आसानी होगी। और इस सर्वे के ज़रिये किसानों के खेत और उसमें लगने वाली फसल सब कुछ का डेटा ऑनलाइन किया जाएगा।
किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके और राज्य के किस एरिया में कौन सी फसल की खेती हो रही है, इन सब की जानकारी एक जगह ऑनलाइन प्लेटफार्म पर क्रॉप सर्वे के ज़रिये दर्ज की जाएगी। इसको लेकर भारत सरकार डिजिटल क्रॉप सर्वे करा रही है। इसी योजना के तहत मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना के कृषि भवन में एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है जिस पर किसानों को खेती से जुड़े सभी डिटेल आसानी से मिल सकेंगे। इसमें खेत और खेत में उगाई जा रही फसल, खेत का रकबा इन सभी तरह के डिटेल रहेंगे। इससे किसानों को किसी भी योजना का लाभ देना केंद्र और राज्य सरकार के लिए आसान होगा। जैसे पीएम किसान सम्मान निधि, केसीसी की स्वीकृति, फसलों की खरीद, फसल क्षति का मुआवजा का भुगतान इन सभी कार्यों में एग्रीस्टेक के माध्यम से समय पर निर्णय लिया जा सकेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक़ बिहार में पिछले रबी सीजन से ही डिजिटल क्रॉप सर्वें का काम 20 जिलों में कराया जा रहा है। केंद्र सरकार ये सर्वे तेज़ी से करवाना चाहती है और ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराएगी। इसका उद्देश्य किसान और किसानों की भूमि से संबंधित डिटेल प्राप्त कर खेती में सुधार करना है।
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28 जिलों के 10000 गांवों में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे
रिपोर्ट के मुताबिक़ कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले रबी सीजन में 20 जिलों के 2069 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया गया था। वहीं इस खरीफ सीजन में राज्य के 28 जिलों के 10,000 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से किसानों के खेत में वास्तविक रूप से उगाए जा रहे फसल का डिटेल और एरिया का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे फसल की खेती और उत्पादन का सटीक आंकड़ा मिलेगा।वहीं प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दूसरे दिन 28 जिलों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पटना के कृषि भवन में आयोजित दो दिवसीय एग्रीस्टेक (Digital crop survey) प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दौरान कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे। वहीं भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डिजिटल क्रॉप सर्वें के परामर्शी महेश बोकाड़े और तकनीकी विशेषज्ञ कृति कुमारी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने तकनीकी सत्र के दौरान एग्रीस्टेक ऐप और वेबपोर्टल के बारे में सभी जानकारी दी।
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