पंजाब में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। अब तक करीब 1.48 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है और घरों में रखा गेहूं और दूसरे अनाज भी भीगकर खराब हो गए हैं। किसानों का कहना है कि नुकसान 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। हालात इतने खराब हैं कि लोगों के पास न खेत की फसल बची है और न ही घर का अनाज। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार किसानों और जनता के साथ खड़ी है और जल्द ही राहत कार्य तेज़ किए जाएंगे।
पंजाब में बाढ़ का असर दिन पर दिन और गंभीर होता जा रहा है। भारी बारिश और जलभराव ने न केवल खेतों में खड़ी फसलें तबाह कर दी हैं, बल्कि घरों में रखा अनाज भी खराब होने लगा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक लगभग 1.48 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है, जबकि किसान नेताओं का कहना है कि यह नुकसान 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

घरों में रखा गेहूं लगातार भीगने से अंकुरित हो गया
गुरदासपुर के पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गांव की तस्वीरें हालात की हकीकत बयां करती हैं। यहां किसानों के घरों में रखा गेहूं लगातार भीगने से अंकुरित हो गया है। इसका मतलब यह है कि लोगों के पास न खेतों की फसल बची है और न ही घरों में खाने-पीने का भंडार।

किसान संगठनों का कहना है कि यह संकट सिर्फ खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि आम परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी सीधा असर डाल रहा है। खेत डूबने, मवेशी मरने और अनाज खराब होने से गांवों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है।

इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब और किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और किसानों से सीधे मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे। चौहान ने यह भी बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जनता को इस आपदा से बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।