खेती-किसानी और ग्रामीण भारत से जुड़ी दिनभर की ज़रूरी खबरें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।

ड्रोन की सहायता से किसान खेती को अलग मुक़ाम पर ले जा सकते हैं, लेकिन हर किसान ड्रोन नहीं खरीद सकता है। इसलिए सरकार इसे खरीदने के लिए किसानों को छूट दे रही है।
ड्रोन को आज खेती का सबसे आधुनिक हथियार के तौर पर देखा जा रहा है। किसान अब ड्रोन की सहायता से खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।खेती में इसका प्रयोग अब काफी बढ़ गया है, खासकर कीटनाशकों और लिक्विड उर्वरकों के छिड़काव के लिए।
इस समय अलग-अलग क्षमता के ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख रुपये के बीच है। इतनी कीमत हर कोई नहीं दे सकता इसलिए ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी की योजना चला रही है। पीएम किसान ड्रोने योजना के माध्यम से इसे खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी। योजना का मकसद आर्थिक सहायता देकर ड्रोन को बढ़ावा देना है।
कितना मिलेगा छूट-
लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को व्यक्तिगत कैटेगरी के लिए ड्रोन की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलने का प्रावधान है।
सामान्य वर्ग के किसानों एवं कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC) संचालकों के लिए एग्रीकल्चर ड्रोन की कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान है।
किसान उत्पादक संगठन (FPO) के लिए ड्रोन की कीमत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 7.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
किसी मान्यता प्राप्त कृषि ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, आईसीएआर के संस्थानों या कृषि विज्ञान केंद्र को ड्रोन खरीदने पर 100 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

किसान अपने खेतों में कुसुम योजना के तहत सस्ते दमों में सोलर पम्प लगा सकते हैं, इस योजना में सरकार सोलर पंप पर 90% सब्सिडी देती है।
कृषि क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ने पीएम कुसुम योजना शुरू की है, इस योजना में किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए पैसे दिये जाते है। इस योजना के तहत सरकार 2 हॉर्स पावर से 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 90% सब्सिडी देती है। केंद्र सरकार ने 35 लाख किसानों को पीएम कुसुम योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में अगर आप किसान हैं और अपने खेतों में सोलर पंप लगवाना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
कुसुम योजना को शुरू करने का केन्द्र सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश के किसानों को सोलर पैनल के माध्यम से मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाया जा सके ताकि वो अपने खेतो की अच्छे से सिंचाई कर सके।
इस योजना में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
मोबाईल नंबर, बैंक खाता विवरण,पासपोर्टसाइज फोटोग्राफ, आधार कार्ड, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी ऑथराईजेशन लेटर
जमीन की जमाबंदी की कॉपी, चार्टेड अकाउंटेन्ट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में)
ये सभी योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज हैं।

गेहूं प्रसंस्करण उद्योग ने स्थानीय बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए खाद्यान्न पर 40% आयात शुल्क हटाने की मांग की है, क्योंकि सरकारी खरीद लक्ष्य से पीछे चल रही है और वित्तीय वर्ष की शुरुआत में कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक 16 वर्ष में सबसे कम है।
इकोनॉमिक टाइम्स एक के रिपोर्ट के अनुसार गेहूं प्रसंस्करण उद्योग स्थानीय बाजार में गेहूं की कमी को दूर करने के लिए गेहूं पर 40% आयात शुल्क हटाने का आग्रह कर रहा है।शुल्क खत्म करने से आयात को बढ़ावा मिलेगा, बफर स्टॉक बढ़ाने में मदद मिलेगी और गेहूं की कीमतों में अस्थिरता कम होगी, जो दो साल पहले की तुलना में 15-20% अधिक है। पिछले 10 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय गेहूं की कीमतों में 15% से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे शुल्क हटाए जाने पर दक्षिण भारत की कुछ मिलों के लिए गेहूं का आयात करना आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो जाएगा।

और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी
मौसम अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों तक उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में लू से भीषण लू की स्थिति और उत्तरी मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है और इधर दक्षिण भारत के कई राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है और अभी कई राज्यों में बारिश के आसार है।

और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली
जाने मल्टीलेयर फार्मिंग और उसके फ़ायदे क्या हैं।
मल्टीलेयर खेती एक नई कृषि रणनीति है जो एक ही कृषि प्रणाली के भीतर फसलों की कई परतों की खेती के लिए वर्टिकली स्थान का उपयोग करके पारंपरिक कृषि पद्धतियों को फिर से परिभाषित करती है। यह दृष्टिकोण भूमि की कमी और अकुशल भूमि उपयोग से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एक तरह से ये भी कह सकते हैं कि मल्टीलेयर फार्मिंग Multilayer Farming यानि कम जमीन में ज्यादा फसलें और ज्यादा आमदनी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली खेती की एक विधि।
मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहने वाले आकाश चौरसिया पिछले 15 वर्षों से देश के लाखों किसानों को Multilayer Farming Techniques सिखा चुका हैं। आकाश चौरसिया, एक साथ 4 फसलें लेने के लिए जाने जाते हैं।
इन्होंने अब तक 4700 ज्यादा मॉडल Multilayer Farming Crop Combination पर काम कर चुके हैं, जिनमें उन्हें 375 में सफलता मिली है।
बाक़ी आप ख़ुद मल्टीलेयर फार्मिंग Multilayer Farming की शुरुआत करने वाले आकाश चौरसिया से जने सब कुछ –
https://youtu.be/sDr18BzKwRs?si=123j218Sr15KJZmI

खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *