पीएम मोदी द्वारा लॉन्च की गई CPRI शिमला की आलू की तीन नई किस्में, जानिए इनकी खूबियाँ

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI) शिमला की ओर से विकसित आलू की तीन नई किस्मों कुफरी चिपसोना-5, कुफरी भास्कर और कुफरी जामुनिया का रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(ICAR), नई दिल्ली में लांच किया। 


दुनिया भर में आलू सबसे ज़्यादा खाये जाने वाला खाद्य आइटम है। भारत में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। ICAR के तहत केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI), शिमला आलू से जुड़े सभी रिसर्च करता है। जैसे आलू की कौन सी किस्म किस तरह की मिट्टी के लिए दुरुस्त है, किस आलू की किस्म में कितना न्यूट्रीएंट है आदि। इसी क्रम में CPRI ने आलू की तीन नई किस्में कुफरी चिपसोना-5, कुफरी भास्कर और कुफरी जामुनिया विकसित की हैं।साल 2012-13 से इन किस्मों पर काम कर रहा था। यह किस्में प्रोसेसिंग, गर्मी प्रतिरोधी और पोषक तत्वों से भरपूर है।

CPRI ने इससे पहले चिपसोना-01, 02, 03 और 04 किस्में रिलीज की हैं। यह किस्में तैयार होने में 100 से 110 दिन लेती हैं जबकि चिपसोना-5 के तैयार होने की अवधि अधिकतम 90 दिन है।  कुफरी-सूर्या और कुफरी-किरण सीरीज के बाद CPRI ने देश के गर्म इलाकों के लिए कुफरी भास्कर किस्म तैयार की है। सामान्य से 2 से 3 डिग्री अधिक तापमान में भी यह किस्म तैयार हो सकती है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, आध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि गर्म इलाकों के लिए यह बेहद उपयोगी साबित होगी। 

और अब कुफरी नीलकंठ के बाद CPRI ने कुफरी जामुनिया किस्म तैयार की है। यह किस्म पोषक तत्वों के अलावा एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और इसमें कैंसर से लड़ने वाला कैरोटिन एंथोसाइनिन तत्व भी मौजूद है। कुफरी नीलकंठ की जहां बाहरी त्वचा बैंगनी थी वहीं कुफरी जामुनिया का गुदा भी बैंगनी है।

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ICAR-CPRI, भारत का सार्वजनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट है जो शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, वर्तमान में इसके निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह हैं। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य आलू की किस्मों का विकास करना, आलू की खेती का विस्तार करना और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त खेती की तकनीक विकसित करना है।


आलू की खेती में कई बार किसानों को अलग अलग तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ती है और कई सारे सवाल भी आते हैं। किस जमीन पर आलू की कौन सी वैराइटी अच्छी है, आलू की पौध में लगने वाली बीमारियों से कैसे निपटना है? इन सारे सवालों के जवाब दिए हैं ICAR-CPRI Shimla के डायरेक्टर डॉक्टर ब्रजेश सिंह ने न्यूज पोटली को दिए इस इंटरव्यू में।

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