सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए नया नियम लागू किया है। अब निर्यात केवल तभी होगा जब कॉन्ट्रैक्ट APEDA में रजिस्टर किया जाए। यह कदम पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस बीच, अप्रैल-अगस्त 2025 में भारत का चावल निर्यात 6.4% बढ़कर 4.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात को लेकर नया नियम लागू किया है। अब गैर-बासमती चावल का निर्यात केवल तभी संभव होगा जब उसका कॉन्ट्रैक्ट APEDA (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) में पंजीकृत किया गया हो।
निर्यात के लिए कॉन्ट्रैक्ट पंजीकरण जरूरी
वाणिज्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाली APEDA कृषि उत्पादों के निर्यात से जुड़े मामलों को देखती है। डीजीएफटी (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड) ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि गैर-बासमती चावल की निर्यात नीति में बदलाव कर यह शर्त जोड़ी गई है कि बिना APEDA में कॉन्ट्रैक्ट पंजीकरण के निर्यात की अनुमति नहीं होगी।
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उद्देश्य
सरकार के इस कदम का उद्देश्य चावल के निर्यात पर बेहतर नियंत्रण रखना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-अगस्त) में भारत का चावल निर्यात 6.4% बढ़कर 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।