सीमैप किसान मेला- मेंथा की जड़ों के लिए किसानों में दिखा उत्साह, 31 को आएंगे सीएम योगी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। सगंध और औषधीय पौधों की खेती को लेकर काम करने वाले संस्थान सी.एस.आई.आर-सीमैप के 2 दिवसीय किसान मेले की शुरुआत में किसानों में सबसे ज्यादा उत्साह मेंथा की जड़ों को लेकर नजर आया। सीमैप के मुताबिक मेले में 21 राज्यों के 5000 से ज्यादा किसान, 500 महिला उद्यमी, सगंध Aroma कंपनियों के प्रतिनिधि, 15 रिसर्च संस्थान और कई राज्यों के वैज्ञानिक अधिकारी शामिल हो रहे हैं।


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कुकरैल इलाके में स्थित सीमैप संस्थान में 30 और 31 जनवरी को दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। किसान मेला के उद्घाटन अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने कहा, “एरोमा-मिशन के तहत लेमनग्रास सगंध तेल के उत्पादन में देश सक्षम बन गया है। पहले ये तेल विदेशों से आयात किया जाता था। उन्होंने आगे बताया मेले में 31 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शामिल होंगे।” मेले का उद्घाटन सी.एस.आई.आर-एन.बी.आर.आई के निदेशक डॉ अजीत कुमार शासनी ने की। पहले दिन कई राज्यों से आये एक हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण करवाया।

मेले में किसानों से संवाद करते हुए एसेंशियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईओएआई) के महासचिव प्रदीप जैन ने कहा कि सरकार को अन्य फसलों की तरह औषधीय और सुगंधित पौधों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करनी चाहिए ताकि किसानों को लाभ मिल सके।


मेंथा की जड़ों के लिए किसानों में दिखा उत्साह


इस सालाना किसान मेले का उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों केकिसानों को इंतजार रहता है क्योंकि किसानों को यहां उन्नत किस्म की मेंथा की नर्सरी (mentha sucker )आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इसके साथ ही जिरेनियम, कालमेघ, सतावर, अश्वगंधा, लेमनग्रास आदि की उन्नत किस्में आसानी से मिल जाती है।

मेंथा की जड़ लेने का तरीका क्या है?

किसानों को सबसे पहले मे पहुंचकर अपना पंजीकरण करवाना है। उसके बाद किसानों को भुगतान करना होगा। भुगतान के बाद किसान जड़ ले सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एक किसान को 10 किलोग्राम जड़े ही दी जाती हैं।

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