बागवानी के ल‍िए 18,000 करोड़ रुपए तो दाल उत्‍पादन में आत्‍मन‍िर्भर बनने के ल‍िए 6,800 रुपए का न‍िवेश

बागवानी, न‍िर्यात, दाल

केंद्र सरकार 18,000 करोड़ रुपए की लागत से बागवानी के लिए 100 न‍िर्यात क्लस्टर बनाने जा रही है। इसके अलावा दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 6,800 करोड़ रुपए का न‍िवेश होगा। केंद्रीय कृष‍ि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ये ऐलान किया। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि कृष‍ि क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं, जिसके लिए वह किसानों और उनके संगठनों के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार हैं।

कृषि मंत्रालय और किसानों के कल्याण के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कृष‍ि मंत्री ने कहा कि कृषि में समस्याएं हैं। लेकिन समाधान भी हैं। हम किसानों और किसान संगठनों से बात करेंगे। चौहान ने आगे कहा, “हम बातचीत के जरिए इसका समाधान करेंगे और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे।” चौहान ने राजनीतिक दलों से किसानों को वोट बैंक न समझने का भी अनुरोध किया। क्षेत्र के विजन के बारे में उन्‍होंने कहा कि देश में जलवायु-अनुकूल कृषि प्रणाली बनाने के लिए केंद्र सरकार 1,500 नई बीज किस्मों को विकसित करने के अलावा मिशन मोड पर देश भर में 50,000 जलवायु-अनुकूल गांवों का विकास कर रही है। किसानों को उनकी अपनी डिजिटल पहचान दी जाएगी, जिसके लिए सरकार योजना पर काम कर रही है।

चौहान ने सदन में स्वीकार किया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तभी फसल खरीदती है, जब जरूरत पड़ती है। चौहान ने राज्यसभा को बताया कि सरकार ‘एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण पर काम कर रही है, जो मानव, पशु, पौधे और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालता है। भंडारण और गोदाम के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे पर 1.40 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है और इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) कार्यक्रम के साथ 1,500 अन्य मंडियों को एकीकृत करने की योजना है। उन्होंने अगले दो वर्षों में 200 जिलों में मौजूद फसल प्रणाली में 2,500 पारंपरिक किस्मों को वापस लाकर बीज क्षेत्र के विकास पर मंत्रालय के काम के बारे में बताया।

दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए उन्‍होंने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में आदर्श दलहन और तिलहन गांवों को विकसित करने और सूक्ष्म सिंचाई के तहत 12 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने पर काम कर रही है।

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