लखनऊ: CIMAP में आयोजित मेले में किसानों के लिए क्या खास है?

उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के CSIR-CIMAP में आज से दो दिवसीय किसान मेले की शुरुआत हो गई है।

उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के CSIR-CIMAP में आज से दो दिवसीय किसान मेले की शुरुआत हो गई है। 31 जनवरी तक चलने वाले इस मेले में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु जैसे अलग-अलर राज्यों से बड़ी तादाद में किसान और उद्यमी शामिल हो रहे हैं। मेले के उद्घाटन के मौके पर CSIR-CIMAP के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने कहा कि, इस मेले के आयोजन का मकसद CIMAP द्वारा की विकसित प्रजातियों को आम जनमानस तक पहुचाना है। मेले का आयोजन 20 सालों से किया जा रहा है। CIMAP ने पिछले 60 से औषधीय एवं सगंध पौधों पर काम करते हुए करीब 160 उन्नत प्रजातियों का विकास किया है, जो खेती की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। देश के किसानों ने इसे बढ़-चढ़ कर अपनाया भी है।

मेले में शामिल हुए लोगों को संबोधित करते हुए प्रबोध कुमार ने कहा, “CIMAP द्वारा विकसित की गई मेन्था की प्रजातियों को अपनाकर किसानों ने भारत को मेन्था के उत्पादन और निर्यात में टॉप पर पहुंचा दिया है। आज दुनिया का 80 फीसदी मेन्था का उत्पादन भारत में किया जाता है। उसमें भी सबसे ज्यादा उत्पादन यूपी में किया जा रहा है। CIMAP के वैज्ञानिकों और किसानों की कोशिशों की वजह से भारत ने 600 टन से भी अधिक नींबू घास तेल का निर्यात किया है।‘’

इस बार किसान मेले में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें CSIR की लैब में किसानों के लिए क्या कुछ बेहतर किया जा रहा है, उसको भी दिखाया गया। मेले में महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया गया। महिलाओं का कैसे उत्थान किया जाए इस पर जोर दिया गया। किसान मेले में सोलर ऊर्जा, ड्रोन तकनीक, जिरेनियम की पौध सामग्री के निर्माण के लिए एक विकसित किफायती तकनीक, खेती में इस्तेमाल होने वाली दूसरी तरह की टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।

ये भी देखें:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *