मूँगफली

केंद्र ने सोयाबीन की ख़रीद महाराष्ट्र में 24 दिन बढ़ाई, गुजरात और कर्नाटक के मूंगफली किसानों को भी राहत

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2024-25 के खरीफ सीजन के लिए छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी है। 9 फरवरी 2025 तक 19.99 एलएमटी सोयाबीन की खरीद की गई है, जिससे 8,46,251 किसान लाभान्वित हुए हैं।

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रिलायंस इंडस्ट्री

पराली से कार्बनिक खाद बना रही है Reliance Industry

Reliance Industry लगभग सभी क्षेत्रों में काम कर रही है. और अब कृषि क्षेत्र में भी. देश में पराली एक बड़ी समस्या है. किसानों के लिए, सरकार के लिए और प्रदूषण की दृष्टि से आम जनता के लिए भी. हर साल पराली जालने से तेज़ी से प्रदूषण बढ़ने की समस्या होती है. हालांकि सरकार ने भी इससे निपटने के लिए कई कदम उठाये हैं. लेकिन अभी पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पाया.

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organic farming

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कर रही है?

सरकार सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर) में परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (एमओवीसीडीएनईआर) योजना लागू कर रही है। दोनों योजनाएं जैविक खेती में लगे किसानों को उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग, सर्टिफ़िकेशन और मार्केटिंग और कटाई के बाद प्रबंधन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण तक एंड-टू-एंड समर्थन पर जोर देती हैं।

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pulses

World Pulses Day: क्या “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” से कम होगा दालों का आयात?

आज विश्व दलहन दिवस है. दालें हमारे आहार में प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं. अपने आहार में नियमित रूप से दालों को शामिल करना चाहिए. देश के किसानों की मेहनत का नतीजा है कि भारत में दलहन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” नामक छह साल की पहल के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा भी की है।

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Vice President

किसान के हाथों में राजनीतिक ताकत और आर्थिक योग्यता है; उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसान दाता है और उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए।चित्तौरगढ़ में अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को सम्बोधित करते हुए उपरष्ट्रपति ने कहा कि किसान की आर्थिक व्यवस्था में जब उत्थान आता है तो देश की व्यवस्था में उद्धार आता है।बाकी किसान दाता है, किसान को किसी की ओर नहीं देखना चाहिए, किसी की मदद का मोहताज किसान नहीं होना चाहिए, क्योंकि किसान के सबल हाथों में राजनीतिक ताकत है, आर्थिक योग्यता है।

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लखनऊ के राजभवन में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प लगी है प्रदर्शनी, आलू व्यापार को नई दिशा देने के लिए सम्मेलन आयोजित

रंग-बिरंगे फूलों से सजी-धजी यह कोई बगिया नहीं है, बल्कि यह लखनऊ के राजभवन में पुष्प, फल और शाक-भाजी की लगाई गई प्रदर्शनी है। तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी में हर दिन हजारों लोग आ रहे हैं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य न केवल लोगों को खेती के फायदे के बारे में बताना, बल्कि नई तकनीकों को…

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मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ख़ुशख़बरी! 10 फरवरी को जारी होगी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 11वीं किस्त

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलायी जा रही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 11वीं किस्त का पैसा 10 फरवरी को लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. मध्य प्रदेश सरकार ने 22 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरूआत की थी.

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अंतरराज्यीय और अंतर-मंडी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपग्रेड करेगी e-NAM प्लेटफॉर्म

अंतरराज्यीय और अंतर-मंडी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपग्रेड करेगी e-NAM प्लेटफॉर्म

केंद्र सरकार बेहतर अंतर-राज्य और अंतर-मंडी व्यापार कुशलता के लिए लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर्स को शामिल करने के लिए e-NAM प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करेगी। इस वृद्धि का उद्देश्य लॉजिस्टिक चुनौतियों को कम करना, व्यापार की गति बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना है।

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राज्यसभा सेशन

देश में 10 हजार से ज्यादा FPO काम कर रहे, ई-नाम से जुड़े 4 हजार 362 FPO

केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब देते हुए केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने ई-नाम पोर्टल, FPO और न्यूनतम समर्थन मूल्य – एमएसपी सहित किसान कल्याण की योजनाओं के संबंध में विस्तार से सदन में अपनी बात रखी।

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apeda

भारत का फल और सब्जी निर्यात 123 देशों तक पहुँचा, 3 वर्षों में 17 नए बाजार भी जुड़े

देश भर में फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ रहा है और उनकी खेती करने वाले किसानों की आय भी बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में सप्लाई के साथ-साथ उनके उत्पाद विदेशों में भी निर्यात हो रहे हैं। आँकड़ों के मुताबिक़ वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 123 देशों तक पहुंच गया।

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