मेंथा की रोपाई

बंपर उत्पादन के लिए मार्च-अप्रैल में ऐसे करें मेंथा की खेती , CIMAP के वैज्ञानिक ने दी सलाह

मेंथा को कृषि क्षेत्र में नकदी फसल के रूप में भी जाना जाता है, हालांकि इसका उपयोग दशकों से आयुर्वेद में विभिन्न दवाओं के लिए किया जाता है, इसलिए मेंथा ( पोदीना, पिपरमेंट ) की खेती कश्मीर, पंजाब, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड सहित भारत के कई क्षेत्रों में की जाती है। मेंथा उत्तर प्रदेश में बड़े क्षेत्रों में उगाया जाता है, उच्च मांग के कारण कई क्षेत्रों में इसकी खेती लोकप्रिय हो रही है। मेंथा की नई किस्में, खेती की उन्नत तकनीक की खोज करने वाले संस्थान CIMAP के वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसान कुछ बातों का ध्यान रखें तो मेंथा से 3 महीने में ही बहुत अच्छी कमाई हो सकती है।

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स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट

पपीता, अमरूद, स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है बिहार सरकार

बिहार सरकार राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. राज्य सरकार अनाज उत्पादन के साथ ही फल, फूल और सब्ज़ियों की खेती को भी बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को आर्थिक मदद करके प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में राज्य में क्लस्टर में बागवानी योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत किसानों को फलों के पौधे और पेड़ लगाने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है. इस योजना के तहत गांव में न्यूनतम 25 एकड़ में उधानिकी फसल का पेड़ लगाने पर सब्सिडी दिया जाएगा.

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कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’

HAU में 17 मार्च से शुरू होगा दो दिवसीय कृषि मेला, ‘कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’ विषय पर होगी चर्चा

देशभर में अलग अलग राज्यों में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि मेला का आयोजन किया जाता है. इन मेलों में खेती में तकनीक का सही इस्तेमाल, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, खेती को बिज़नेस बनाकर कमाई करना, फसल की सही किस्मों का चयन आदि मुद्दों पर चर्चा की जाती है ताकि किसान खेती से अच्छी कमाई कर सकें. इसके साथ ही देश का उत्पादन बढ़े और आर्थिक स्थिति मज़बूत हो. इसी क्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में 17 मार्च से दो दिन का कृषि मेला लगने जा रहा है.

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विजय कुमार सिन्हा

‘जलायें नहीं बल्कि फसल अवशेष का उचित प्रबंधन करें’, कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों को दी सलाह

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य के किसानों से गेहूं की कटाई के बाद फसल अवशेष को ना जलाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि राज्य के कई ज़िलों में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है, ऐसे में किसान गेहूं के फसल अवशेष को जलाने के बजाए…

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delhi cm

बजट से पहले दिल्‍ली सीएम ने किसानों से बात की , कहा पिछले 15-20 वर्षों में, गांवों के लिए कोई काम नहीं किया गया

“पिछले 15-20 वर्षों में, गांवों के लिए कोई काम नहीं किया गया है. इसलिए अब किसानों को दिल्ली की नई सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. मैं उन्हें भरोसा दिलाती हूं कि उन्होंने हमारे सामने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका समाधान किया जाएगा. आज डबल इंजन की सरकार है. केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर किसानों की हर समस्या का समाधान करेगी.” बजट से पहले किसानों के साथ बैठक में बोलीं दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता.

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तुअर की ख़रीद

आंध्र प्रदेश, गुजरात समेत प्रमुख राज्यों में तुअर की खरीद शुरू, सरकार 100% तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करेगी

केंद्र सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर तुअर (अरहर) की खरीद शुरू कर दी है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक़ 11 मार्च तक आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित प्रमुख उत्पादक राज्यों में कुल 1.31 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद की गई है, जिससे इन राज्यों के 89,219 किसानों को लाभ मिला है. तुअर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के संयुक्ति पोर्टल पर पहले से रजिस्टर्ड किसानों से भी की जाती है. केंद्रीय नोडल एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों से 100 प्रतिशत तुअर खरीदने के लिए कमिटेड है.

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सहकारी चीनी मिलों

गन्ना आधारित प्लांट को बहु-फ़ीड आधारित इथेनॉल प्लांट में बदला जाएगा, बढ़ेगा इथेनॉल का उत्पादन

देश में सहकारी चीनी मिलों में गन्ने पर चलने वाला इथेनॉल प्लांट केवल गन्ने के सीजन में ही चलता है और बाकी सीजन में बंद रहता है। सरकार ने इन सहकारी मिलों के गन्ना इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए कहा है ताकि हर सीजन में मक्का आदि से इथेनॉल बनाने का काम चलता रहे। इसके लिए सरकार गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए लोन पर ब्याज की छूट भी दे रही है। इससे चीनी मिलों को भी फ़ायदा होगा और साथ ही इथेनॉल उत्पादन भी बढ़ेगा।

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अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार के बीच SOPA ने सरकार से सोयाबीन पर मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी बनाए रखने का किया आग्रह

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया(SOPA) ने सरकार से भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता के दौरान भारतीय सोयाबीन उद्योग के हितों की रक्षा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने सोयाबीन उत्पादों पर मौजूदा आयात शुल्क को बनाए रखने और वैल्यू एडेड सोया उत्पादों के लिए रियायती शुल्क व्यवस्था की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है। इसके अलावा SOPA ने केंद्र से भारत से ऑर्गेनिक सोयाबीन भोजन के आयात पर अमेरिका की ओर से लगाए गए 283.91 परसेंट के भारी शुल्क को कम करने में दखल देने का भी आग्रह किया, जिसने भारतीय निर्यातकों को गंभीर रूप से परेशान किया है।

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मार्च-अप्रैल के महीने में गन्ने की बुवाई

मार्च-अप्रैल के महीने में गन्ने की बुवाई करने वाले किसानों के लिए ज़रूरी Tips

देश के किसान इन दिनों गेहूं की कटाई और बसंतकालीन गन्ने की बुवाई में व्यस्त हैं। बसंतकालीन गन्ने की बुवाई के लिए मार्च महीना सबसे सही माना जाता है। बदलते जलवायु में भी कुछ किसान पारंपरिक विधि से ही गन्ने की बुवाई करते हैं, जिससे उनको सही उत्पादन नहीं मिलता है। लेकिन अगर किसान वैज्ञानिक द्वारा बताये हुए विधि से गन्ने की बुवाई करें तो कम लागत में अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक बरसाती लाल के मुताबिक़ मार्च का महीना गन्ने की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।

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डेयरी क्षेत्र

सरकार अगले पांच वर्षों में देश भर में 75,000 नई डेयरी सहकारी समितियां बनाएगी

डेयरी क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। पशुधन उप-क्षेत्र से उत्पादन के मूल्य में दूध और दूध उत्पादों का बड़ा हिस्सा होता है। दूध उत्पादन का मूल्य 2022-23 में खाद्यान्न उत्पादन के कुल मूल्य को पार करते हुए 11.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने 12 मार्च, 2025 को राज्यसभा में दी है।

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