कृषि मंत्री

‘डिजिटल कृषि मिशन समेत हमारी सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अनेक उपाय किए हैं’ बोले शिवराज चौहान

“एक जमाना था जब किसानों तक अलग-अलग योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बहुत दिक्कत और परेशानी होती थी, क्योंकि हमारे पास विश्वसनीय डाटा होते नहीं थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक डिजिटल कृषि क्रांति भारत में हुई है और डिजिटल कृषि मिशन बनाया गया है।डिजिटल कृषि मिशन के अंतर्गत किसान आईडी बनने से किसानों को लाभ मिल रहा है।” लोकसभा में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

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FSSAI

FSSAI ने बताई असली-नकली मिर्च की पहचान

आजकल बाजार में मिल तो सब कुछ जाता है लेकिन पैसा देने के बाद भी ये ज़रूरी नहीं है कि आपको सही चीजें मिले. चाहें वो फल-सब्ज़ी हो या घी-आटा या फिर दूध-दही कुछ भी. जो भी बाज़ार से लायी हुई चीजें हम खा रहे हैं एक तो हमें ये नहीं पता कि वो असली है या नक़ली. इसके अलावा, केमिकल्स और हानिकारक फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड्स के इस्तेमाल से इन फ़ूड आइटम्स की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं. ऐसे में FSSAI ने खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. 

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बाग़वानी फसलों

IMD ने बागवानी फसलों को तेज हवाओं से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी

तेज हवाओं और ओलावृष्टि जैसे ख़राब मौसम का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ता है. विशेष रूप से गेहूं, चना और मसूर जैसी खड़ी फसलों पर भारी बारिश का असर देखने को मिलता है. इसके अलावा बाग़वानी फसलों पर भी बुरा असर पड़ता है. आईएमडी के मुताबिक़ पूर्वी और मध्य भारत में 20 से 22 मार्च 2025 तक मौसम में बड़ा बदलाव होने की संभावना है. ऐसे में आईएमडी ने किसानों को बाग़वानी फसलों को ढकने के लिए जाली या तंबू का प्रयोग करने की सलाह दी है ताकि ओलावृष्टि से नुकसान कम हो सके.

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खेती में मददगार बनेगा NASA और ISRO का नया उपग्रह 'NISAR'..

खेती में मददगार बनेगा NASA और ISRO का नया उपग्रह ‘NISAR’..फसलों और मिट्टी की देगा सटीक जानकारी

नासा और इसरो का नया उपग्रह निसार(NISAR) को इस साल भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। एक बार चालू होने के बाद, यह कृषि सहित कई क्षेत्रों में शोधकर्ताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिदिन लगभग 80 टेराबाइट आंकड़े देगा। यह पृथ्वी मिशन रोपाई से लेकर कटाई तक फसलों की वृद्धि की निगरानी करने में मदद करेगा, जिससे रोपाई, बीज बोने का समय निर्धारित करने, सिंचाई करने और एक और अहम रिसोर्स समय का अधिकतम उपयोग करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। यह जानकारी दुनिया भर के किसानों की मदद कर सकता है।

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गेहूं की ख़रीद

इन राज्यों में शुरू हो चुकी है गेहूं की सरकारी ख़रीद, MP में 175 रुपए तो राजस्थान 150 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा Bonus

देश भर में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की MSP पर सरकारी ख़रीद भी शुरू हो चुकी है। उत्‍तर प्रदेश में 17 मार्च से, मध्‍य प्रदेश में 15 मार्च से और राजस्थान में 10 मार्च से सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है।आपको बता दें कि केंद्र ने चालू मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं पर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को 150 रुपये प्रत‍ि क्विंटल बोनस भी दे रही है यानी किसानों को 2575 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। इसके अलावा मध्‍य प्रदेश में गेहूं पर MSP के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है।

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

Himachal Budget: प्राकृतिक रूप से उगाए गये मक्के और गेहूं के MSP में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, गाय और भैंस के दूध का MSP भी बढ़ा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का वार्षिक बजट पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की।

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हरियाणा बजट में धान की खेती छोड़ने, सीधी बुवाई, पराली प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए बड़ी घोषणा

हरियाणा सरकार ने इस साल का अपना बजट पेश किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें किसानों के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं की गई। बजट के दौरान सरकार ने बताया कि ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिल रही अनुदान राशि 7000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8000 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है। इसके अलावा धान की सीधी बुवाई की अनुदान राशि 4000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति एकड़ किया गया है और अब पराली प्रबंध करने वाले किसानों का अनुदान 1000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा।

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मक्का उत्पादन

Ethanol के कारण बढ़ रही है मक्के की मांग, किसान अच्छी गुणवत्ता वाले बीज के साथ इन बातों पर ध्यान दें तो बढ़ेगा उत्पादन

देश में मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) ने ‘एथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि’ नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है. IIMR के न‍िदेशक डॉ. हनुमान सहाय जाट के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत अच्छी क‍िस्मों के मक्के की बुवाई करवाई जा रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत क‍िसानों को मक्के की खेती के फायदे बताए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2025-2026 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करना है तो मक्का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी. इसके लिए पैदावार बढ़ाने के लिए क‍िसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करावाने होंगे. साथ ही वैज्ञान‍िक तौर-तरीके से खेती करवानी होगी.

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और बिल गेट्स की हुई बैठक, डिजिटल कृषि और कृषि में AI इस्तेमाल पर मिलकर करेंगे काम

“कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में भारत की औसत वार्षिक वृद्धि 4% से अधिक रही है। वैश्विक कृषि भूमि व स्वच्छ जल संसाधनों का 4% से भी कम होने के बावजूद, भारत दुनिया की 18% मानव आबादी व 15% पशुधन को खाद्य सुरक्षा देती है। भारत बाजरा, मसाले, दूध, दालों का सबसे बड़ा उत्पादक व चावल, गेहूं, फल-सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।” बिल गेट्स के साथ बैठक में बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान। उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुये भारत जलवायु-अनुकूलित व सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दे रहा है, जैसे प्राकृतिक खेती, जैविक कृषि और जलवायु-स्मार्ट तकनीकें।उन्होंने बताया कि कृषि सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। भारत कुल वार्षिक बजट का 10-11% कृषि व संबंधित क्षेत्रों पर खर्च करता है, जो ₹5 लाख करोड़ से अधिक है।

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मूँग की खेती

MP में 14 लाख हेक्टेयर में उगाई जा रही ग्रीष्मकालीन मूंग, कृषि मंत्री कंषाना ने किसानों को कम कीटनाशक इस्तेमाल की दी सलाह

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में कीटनाशक एवं नीदानाशक का उपयोग कम से कम करें। कृषि मंत्री कंषाना ने बताया कि मूंग फसल में अत्यधिक रासायनिक दवाओं का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य, जल एवं…

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