जल्दी खराब होने वाली कृषि उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए यह है सरकार की योजना

किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से कई उपाय करती है। इनमें जल्दी खराब होने वाली बागवानी और कृषि जिंसों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS), वैज्ञानिक भंडारण क्षमता के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना (ISAM) और प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन बोली के जरिये बेहतर मूल्य खोज के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (e- NAM) ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में दी।

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कृषि में ड्रोन को बढ़ावा

कृषि ड्रोन पर 141.39 करोड़ रुपये खर्च, मिट्टी की सेहत सुधारने पर काम कर रही सरकार

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण समाप्त होने को है, इस बीच कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल से जुड़े सवाल के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों द्वारा किसान ड्रोन अपनाने को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) के तहत, 2021-22 से 31 मार्च, 2025 तक, किसान ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए 141.39 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई।

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सरसों की समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद

राजस्थान के किसान अब 40 क्विंटल तक सरसों MSP पर बेच सकेंगे, 10 अप्रैल से शुरू होगी खरीद

राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने अब सरसों की समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद की सीमा को 25 से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति किसान कर दिया है. इसी तरह डिग्गी निर्माण के लिये पूर्व में समय सीमा 31 मार्च 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 30 जून 2025 तक कर दिया गया है. दोनों ही आदेश सरकार की ओर से जारी कर दिये गये हैं. इससे सरसों उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने पर अधिक फायदा होगा.

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हाइड्रोपोनिक तकनीक

Hydroponic खेती क्या है, कैसे की जाती है, इसके लाभ क्या हैं ?

हाइड्रोपोनिक तकनीक भारत में धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है और किसानों को भी आकर्षित कर रही है. यह एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से बिना मिट्टी के ही सब्जियों को उगाया जाता है. यानी इस प्रकार की तकनीक के जरिये खेती करने के लिए मिट्टी की ज़रूरत नहीं होती है. इसके जरिये बिना मिट्टी का इस्तेमाल किए आधुनिक तरीके से खेती की जा सकती है. इस प्रकार की खेती केवल पानी या पानी के साथ बालू और कंकड़ में की जाती है.

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भारत को कृषि

Trump के Tariff के कारण भारत को कृषि में ज्यादा नुकसान नहीं होगा: अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी

कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के अनुसार, अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ से भारत के कृषि निर्यात को कोई खास नुकसान नहीं हो सकता है। उनका सुझाव है कि द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के दौरान स्मार्ट बातचीत से भारत को लाभ मिल सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रतिस्पर्धी देशों के लिए टैरिफ कैसे निर्धारित किए जाते हैं।

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चपाता मिर्च

प्राकृतिक लाल रंग वाले वारंगल के ‘टमाटर मिर्च’ को मिला GI टैग

प्राकृतिक लाल रंग के गुणों वाली वारंगल चपाता मिर्च को जीआई टैग मिला यह मान्यता तेलंगाना का 18वां जीआई रजिस्ट्रेशन है तथा बागवानी उत्पाद के लिए यह पहला रजिस्ट्रेशन है। मध्य तेलंगाना के कृषि जलवायु क्षेत्र में उगाई जाने वाली एक विशिष्ट किस्म वारंगल चपाता मिर्च को भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग से सम्मानित किया गया है। स्थानीय रूप से इसे “टमाटर मिर्च” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी आकृति टमाटर जैसी होती है।

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किसान अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाकर बेच सकेंगे बिजली, राजस्थान सरकार देगी सब्सिडी

राजस्थान के जिन किसानों की जमीन किसी बिजली सबस्टेशन के नजदीक है, वे अपनी जमीन में सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली पैदा कर सकते हैं और उसे बेचकर कमाई भी कर सकते हैं. सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी. इस टेंडर में किसानों के अलावा, किसानों का समूह, कोऑपरेटिव भी हिस्सा ले सकते हैं.

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असम के चाय

असम के चाय किसानों के लिए खुशखबरी, केंद्र की मदद से किसान 5% चाय बागानों पर करेंगे ऑयल पाम की खेती

केंद्र सरकार ने असम के चाय बागानों को अपने प्रमुख ऑयल पाम मिशन का लाभ उठाने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय उत्तर-पूर्वी चाय संघ के अनुरोध के बाद लिया गया है। उत्तर-पूर्वी चाय संघ ने 4 फरवरी 2025 को केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर असम के चाय बागानों को इस योजना के दायरे में लाने की अपील की थी। आपको बता दें कि भारत खाद्य तेलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर पाम ऑयल के आयात पर निर्भर है। ऐसे में NMEO-OP मिशन से स्वदेशी खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाने और आयात खर्च को कम करने में मदद मिलेगी।

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भारत

अमेरिकी टैरिफ का भारत के कृषि निर्यात पर अन्य देशों के मुकाबले होगा कम असर

कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत नए टैरिफ के बावजूद अमेरिका को अपने कृषि निर्यात को बनाए रख सकता है या बढ़ा भी सकता है, क्योंकि प्रतिस्पर्धी देशों को और भी अधिक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क लगाया है.

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सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के तहत अब तक पूरे देश में कुल 3,667 नए PACS रजिस्टर्ड

देश में विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न भंडारण क्षमता का निर्माण करने के लिए सरकार ने 31 मई 2023 को सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी दी, जिसे पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया। इसमें प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) के स्तर पर विभिन्न कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण जैसे विकेन्द्रीकृत गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, छंटाई एवं ग्रेडिंग सुविधाएं, शीत भंडारण इकाइयां, पैकहाउस का निर्माण किया गया। यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में में दी। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, 15.2.2023 को योजना की स्वीकृति के बाद से, 27.01.2025 तक पूरे देश में कुल 3,667 नई PACS पंजीकृत हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र  में 148 नई PACS शामिल हैं।

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