खरीफ फसल

राजस्थान में भारी बारिश से खरीफ फसलों का उत्पादन घटने का खतरा

राजस्थान में खरीफ की बुवाई पिछले साल जैसी रही, लेकिन असमान बारिश से फसल उत्पादन घटने की आशंका है। भारी बारिश और सूखे के असर से चारे के दाम बढ़ गए हैं। बाजरा का रकबा स्थिर रहा, ग्वार घटा जबकि मूंग, कपास और धान बढ़े। सोयाबीन और मोठ में कमी आई है। किसान रबी सीजन से कुछ नुकसान की भरपाई की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि बुवाई देर से होगी।

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FCO के दायरे में आए बायोस्टिमुलेंट्स

FCO के दायरे में आए बायोस्टिमुलेंट्स, 9,352 उत्पाद रद्द

भारत सरकार ने बायोस्टिमुलेंट्स को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 के तहत ला दिया है। अब सिर्फ 146 उत्पादों को मंजूरी मिली है, जबकि 9,352 का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। पहले बाजार में 30,000 से ज्यादा नकली या बिना जांच वाले उत्पाद बिकते थे। इस कानून से किसानों को अब प्रमाणिक और असरदार उत्पाद मिलेंगे और कंपनियों को गुणवत्ता सुधारनी होगी। इससे नकली उत्पादों पर रोक लगेगी और खेती अधिक सुरक्षित व लाभकारी बनेगी।

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पंजाब बाढ़

बारिश से ज्यादा प्रबंधन की कमी बनी पंजाब बाढ़ की वजह, किसानों से लेकर व्यापारियों तक सब प्रभावित

पंजाब इस साल 40 साल की सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। भारी बारिश और डैम से छोड़े गए पानी ने लाखों एकड़ खेत डुबो दिए, जिससे धान, मक्का और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गईं और हजारों किसान मुश्किल में हैं। अब तक 53 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 3.88 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 1,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद और किसानों व बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है।

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विकसित कृषि संकल्प अभियान

राष्ट्रीय रबी सम्मेलन से बनेगी रबी सीज़न की रणनीति, 3 अक्टूबर से शुरू होगा विकसित कृषि संकल्प अभियान का दूसरा चरण

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का दूसरा चरण 3 से 18 अक्टूबर तक रबी फसलों के लिए चलाया जाएगा। इसके पहले 15-16 सितंबर को दिल्ली के पूसा में राष्ट्रीय रबी सम्मेलन होगा, जिसमें राज्यों के कृषि मंत्री, अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल होकर मिट्टी की सेहत, बीज-उर्वरक, दलहन-तिलहन उत्पादन और किसानों तक तकनीक पहुँचाने पर चर्चा करेंगे।

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अफीम खेती

मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी के 1.21 लाख किसानों को मिलेगा अफीम खेती का लाइसेंस

सरकार ने 2025-26 के लिए अफीम खेती की नई लाइसेंसिंग नीति जारी की है। इस बार 1.21 लाख किसान शामिल होंगे, जो पिछले साल से 23.5% ज्यादा है। अच्छे उत्पादन वाले किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि कम उत्पादन वालों के लाइसेंस निलंबित होंगे।

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अनोखा एआई मौसम कार्यक्रम

बारिश से पहले मिलेगी खबर, सरकार का अनोखा एआई मौसम कार्यक्रम

सरकार ने एआई आधारित मौसम पूर्वानुमान कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके जरिए इस साल 13 राज्यों के 3.8 करोड़ किसानों को एसएमएस से बारिश और मौसम की जानकारी दी गई। यह पूर्वानुमान 4 हफ्ते पहले तक मिल जाता है, जिससे किसान सही समय पर बुवाई कर पाते हैं और फसलों का नुकसान कम होता है।

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मिथिला मखाना की पहली खेप पहुंची विदेश

पटना बना कृषि-निर्यात का नया हब: मिथिला मखाना की पहली खेप पहुंची विदेश

पटना में एपीडा का पहला क्षेत्रीय कार्यालय खुल गया है, जिससे बिहार के किसानों और उद्यमियों को सीधे निर्यात सुविधाएं मिलेंगी। उद्घाटन के मौके पर जीआई-टैग वाले मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन खेप न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए भेजी गई। यह कदम बिहार को कृषि-निर्यात का हब बनाने और किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

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पोल्ट्री फार्म लोन योजना 2025

पोल्ट्री फार्म लोन योजना 2025: 9 लाख तक लोन और 33% सब्सिडी का मौका

पोल्ट्री फार्म लोन योजना 2025 के तहत किसानों, युवाओं और महिलाओं को मुर्गी पालन यूनिट शुरू करने के लिए 9 लाख रुपये तक का लोन और 25–33% तक की सब्सिडी मिलेगी। लोन की अवधि 5 साल होगी और शुरुआती 6 महीने EMI नहीं देनी होगी। एससी-एसटी वर्ग को 33% और सामान्य वर्ग को 25% सब्सिडी दी जाएगी। आवेदन ऑनलाइन (नाबार्ड/बैंकों की वेबसाइट) या ऑफलाइन (नजदीकी बैंक शाखा) से किया जा सकता है। योजना में SBI, PNB, HDFC, ICICI जैसे कई बैंक शामिल हैं।

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GST

GST कटौती के बाद भी पैकट वाला दूध नहीं होगा सस्ता, जानिए क्यों?

22 सितंबर से लागू होने वाले जीएसटी 2.0 सुधार को लेकर उपभोक्ताओं में यह उम्मीद थी कि पैकेट वाला दूध सस्ता हो जाएगा। लेकिन अमूल ने साफ किया है कि ताजा पाउच दूध की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि इस पर पहले से ही जीरो प्रतिशत जीएसटी लगता रहा है।

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cotton

आयात बढ़ने से भारत का कपास भंडार पहुँचा 5 साल के उच्चतम स्तर पर

भारत में 2025-26 सीजन की शुरुआत में कपास का कैरी-फ़ॉरवर्ड स्टॉक 60.59 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पाँच सालों में सबसे ज्यादा है। यह वृद्धि मुख्य रूप से आयात बढ़कर 41 लाख गांठ होने की वजह से है। मौजूदा सीजन में कपास की खपत 314 लाख गांठ और निर्यात घटकर 18 लाख गांठ रहने का अनुमान है।

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