घर में ऐसे तैयार करें जापान की बोकाशी खाद, मिट्टी की क्वालिटी बेहतर होगी, उत्पादन बढ़ेगा

जापान की बोकाशी खाद, जैविक खाद बनाने की पुरानी पद्दति है। ये खाद दूसरी खाद की तुलना में काफी अलग है, और यूरिया डीएपी के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है। असम। जापान की बोकाशी खाद, भारत में मिलने वाली दूसरी खाद से जितनी अलग है, इसके बनाने का तरीका भी उतना ही अलग है। ये…

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खेत की मिट्टी की होगी जांच, 05 मई को विशेष अभियान के तहत नमूने जुटाएंगे कृषि विभाग के अधिकारी

पूरे उत्तर प्रदेश में 05 मई को विशेष अभियान के तहत खेत की मिट्टी की जांच की जाएगी, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने जुटाएंगे. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि खेतों की उर्वरता की जांच कर, ज़रूरी खाद और माइक्रोन्यूट्रिएंस डालने की सलाह दी जाएगी. इससे लागत में कमी और उत्पादकता में वृद्धि होगी.

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खेती की जापानी तकनीक से 20 लाख रुपये कमा रहा असम का किसान

असम का किसान जापान की बोकाशी खाद घर में बनाता है, और उसे ही खेत में डालता है। किसान का कहना है कि, इससे जमीन की गुणवत्ता बेहतर होती है, और पैदावार बढ़ती है। अमर सिंह बासुमतारी असम में चिरांग जिले के सिलबारी गांव में रहते हैं। वो 20 बीघे में खेती से सालाना 20…

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केंद्र सरकार

MSP पर गेहूं की खरीद 250 लाख मीट्रिक टन से अधिक, 103.89 लाख मीट्रिक टन खरीद के साथ पंजाब सबसे आगे

देश भर में केंद्र सरकार ने चालू सीजन में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 256.3 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं की खरीद की है और इसके लिए 21.03 लाख किसानों को 62,155.96 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. गुरुवार को जारी किए गए आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. सरकारी बयान के मुताबिक, इस साल 30 अप्रैल तक खरीदे गए गेहूं की मात्रा पिछले साल की इसी तारीख तक की कुल खरीद 205.41 LMT से 24.78 प्रतिशत अधिक है. पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे सभी 5 प्रमुख गेहूं खरीद राज्यों ने पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक गेहूं खरीदा है.

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पायरिला कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए एडवाइज़री जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का गन्ना विभाग और किसान दोनों ही गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पाइरिला कीट के प्रकोप से परेशान हैं। रोग की गंभीरता को देखते हुए गन्ना आयुक्त कार्यालय ने सभी क्षेत्रों में गन्ना फसल में कीटों एवं रोगों के सर्वेक्षण के लिए गन्ना शोध परिषद एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय निरीक्षण कराया, जिसमें गन्ने में कीटों का प्रकोप पाया गया।

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झारखंड

झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, सोलर पंप पर सरकार दे रही है 90 प्रतिशत की सब्सिडी

अच्छी फसल पैदावार के लिए समय पर सिंचाई करना बहुत ज़रूरी है। यह जितना ज़रूरी है, उतना ही महंगा भी है। किसान बिजली, डीजल या पेट्रोल से पंप चलाकर सिंचाई करते हैं। खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सिंचाई सुविधाएं मुहैया कराती हैं। इसी क्रम में झारखंड सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए सोलर पंप की खरीद पर 90 फीसदी सब्सिडी दे रही है।

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भारतीय रिजर्व बैंक

कृषि क्षेत्र को दिए गए ऋण की वृद्धि दर मार्च में घटकर 10.4 प्रतिशत पर आ गई: RBI डेटा

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में बैंक ऋण वृद्धि में मंदी आई है। वृद्धि 10.4 प्रतिशत रही। उद्योग को ऋण अग्रिम 8 प्रतिशत पर स्थिर रहा। सेवा क्षेत्र को ऋण में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। व्यक्तिगत ऋण में भी वृद्धि देखी गई, जो 14 प्रतिशत दर्ज की गई। कुल मिलाकर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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गन्ना

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर, केंद्र ने गन्‍ने का FRP 15 रुपये बढ़ाया, 2025-26 के लिए 355 रुपये क्विंटल को दी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में आज गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए गन्‍ने का एफआरपी मूल्‍य बढ़ा दिया . नया मूल्‍य 2025-26 गन्ना के लिए 355 रुपये प्रति किविंटल को मंजूरी दी गई. इसमें 15 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. आपको बता दें कि प्रत्येक सीज़न में, केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर गन्ने की एफआरपी तय करती है. एफआरपी बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती है. एफआरपी की वास्तविक गणना सभी प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की उत्पादन लागत के आधार पर की जाती है.

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अंग्रेजी दवाओं की छुट्टी करेगा छांछ से बना ये Bio Pesticides, बनाने का तरीका समझिए…

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से उत्पादन बढ़े या न बढ़े, उत्पाद की गुणवत्ता जरूर खराब हो रही है। इसके कई अन्य बुरे परिणाम भी हैं जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर, पर्यावरण को नुकसान आदि।इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी दे रही है। इसके साथ ही देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो बड़े पैमाने पर प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। उन्हीं किसानों में से एक हैं जोधपुर के मथानिया गांव के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा, जो 60 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।

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सॉइल हेल्थ कार्ड का सार्थक प्रयोग

सॉइल हेल्थ कार्ड, खाद का सही इस्तेमाल, जलवायु अनुकूल खेती..जानिए कृषि मंत्री ने ICAR से और किन मुद्दों पर बात की

कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की शुरुआत की। नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित बोर्ड रूम में यह अहम बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आईसीएआर के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध प्रयोगों की जानकारी लेने के साथ ही भावी रणनीतियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

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