
लंदन की सीआईएच संस्था के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे महाराष्ट्र के युवा जैकफ्रुट किंग मिथिलेश देसाई
मिथिलेश देसाई को 86 अलग-अलग तरह के कटहल के किस्मों को उपजाने के लिए जाना जाता है और इस विलक्षण उपलब्धि ने उन्हें वैश्विक स्तर पर उनको पहचान दिलाई है।
मिथिलेश देसाई को 86 अलग-अलग तरह के कटहल के किस्मों को उपजाने के लिए जाना जाता है और इस विलक्षण उपलब्धि ने उन्हें वैश्विक स्तर पर उनको पहचान दिलाई है।
वर्धा, अमरावती और नागपुर के 42 गांवों को लेकर 1972 में वर्धा परियोजना शुरु हुई। किसानों के मुताबिक उन्हें न उचित मुआवजा मिला न, वादे पूरे किए गए। प्रभावित किसान 103 दिन के प्रदर्शन के बाद मुंबई में स्थित मंत्रालय भवन में अपनी आवाज उठाने पहुंच गए। चेतन बेले, वर्धा, न्यूज पोटली वर्धा (महाराष्ट्र)। 29…
पशुपालक राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड के लिए करें आवेदन। डेयरी सेक्टर के सबसे बड़े अवार्ड के लिए केन्द्र सरकार किसानों और इस सेक्टर से जुड़े लोगो के लिए आवेदन मांग रही है। आवेदन की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। अवॉर्ड का उद्देश्यः किसानों को देसी गायों के सर्वक्षण और दूध उत्पादन में बढोत्तरी करने के…
वर्टिकल यानि खड़ी, सिंगल मतलब एक, बड मतलब गुल्ली; इन तीनों शब्दों को मिलाकरके जिस प्रक्रिया का यूज किया गया है उसे कहते हैं वर्टिकल सिंगल बड मेथड।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। घरेलू, कॉमर्शियल और औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर सोलर रुपटॉप को लेकर जागरुकता और स्थापना के लिए प्रदेश व्यापी अभियान चलेगा। यूपीनेडा के शोध विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र, देवा रोड, चिनहट में सोलर रूफटॉप के अधिकृत वेन्डर्स के साथ आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए निदेशक यूपीनेडाअनुपम शुक्ला ने कहा कि सौर…
अंतरराष्ट्रीय संस्था क्रिसिल की रिपोर्ट ने प्याज की बढ़ने वाली कीमत के 4 कारणों को सामने रखा और बताया कि प्याज की बढ़ती अनुमानित कीमत 70 रुपए प्रति किलो तक हो सकती है।
80 कुंटल प्रति हेक्टेयर उपज देने वाली गेहूं की किस्म DBW 327 पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए उपयोगी किस्म।
फसल के विकास के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसे किसान भाई उर्वरकों या खाद के सहारे पूरा करते हैं। एक फसल को 17 तरह के षोषक तत्वों की जरूरत रहती है जिसमें मेजर हिस्सा कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम होता है।
एक पौधे को अच्छे से ग्रोथ करने के लिए कार्बन नाइट्रोजन, पोटशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीज, सल्फर, बोरान जैसे 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पारम्परिक तरीके से खाद देने पर पोषक तत्वों का सिर्फ 40 से 50 प्रतिशत ही पौधे को मिल पाता है वहीं जल विलेय उर्वरक देने पर इसका लाभ प्रतिशत 90 तक पहुंच जाता है।
माना जा रहा है 2024 के आम चुनावों से पहले किसानों को योगी आदित्नाथ सरकार उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए नासूर बनी समस्या का बड़ा समाधान करेगी। खेत सुरक्षा योजना पहले से कई राज्यों में लागू है।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के तहत किसानों को खेत के चारों तरफ सोलर फेंसिंग लगवानी होगी। जिस पर लगने वाली लागत का 60 फीसदी खर्च सरकार देगी। इस तरह के प्रस्ताव पर कवायद जारी है।