सॉइल हेल्थ कार्ड का सार्थक प्रयोग

सॉइल हेल्थ कार्ड, खाद का सही इस्तेमाल, जलवायु अनुकूल खेती..जानिए कृषि मंत्री ने ICAR से और किन मुद्दों पर बात की

कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की शुरुआत की। नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित बोर्ड रूम में यह अहम बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आईसीएआर के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध प्रयोगों की जानकारी लेने के साथ ही भावी रणनीतियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

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सब्ज़ियों की खेती

सब्ज़ियों की खेती के लिए अपनायें ये तरीका…बढ़ेगा उत्पादन, डबल होगी कमाई

कुरुक्षेत्र, हरियाणा। आपने अक्सर छोटी जोत वाले किसानों को यह कहते सुना होगा कि हमारे पास बहुत कम जमीन है, हम इससे कितना कमा सकते हैं। लेकिन इसके उलट देश में छोटी जोत वाले कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत और तकनीक के दम पर छोटी जोत होने के बावजूद खेती में सफलता हासिल की है। उन्हीं किसानों में से एक हैं हरियाणा के कुरुक्षेत्र के युवा और प्रगतिशील किसान अंकुर कुमार।

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स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीन

फसल अवशेष जलाएं नहीं, उनका प्रबंधन करें.. बिहार सरकार स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीन पर दे रही 80 फीसदी तक सब्सिडी

फसल कटाई के बाद खेतों में बचे पराली (पराली) को जलाना गलत है। लेकिन फिर भी किसान ऐसा कर रहे हैं, जिसके बुरे परिणाम हो रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। खेत की मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, जिसका फसल के उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। इसके बुरे परिणामों को देखते हुए बिहार सरकार इसके प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीनों पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।

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ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई में बढ़ोतरी, तिलहन में गिरावट, जानें देश में गेहूं की कटाई का हाल

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में कृषि भवन, नई दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा के साथ ही नैफेड व राष्‍ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारियों के बैठक की। चौहान ने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन, उर्वरक, खाद-बीज की उपलब्धता, मौसम व  सिंचाई के लिए जलाशयों आदि की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही केंद्रीय मंत्री चौहान ने उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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मध्य प्रदेश

ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर समेत कई सिंचाई तकनीकों पर सब्सिडी दे रही है मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार पानी की कमी को देखते हुए उसे बचाने के कई प्रयास कर रही है. पानी की खपत सबसे ज्यादा खेती किसानी में होती है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पारंपरिक सिंचाई तकनीकों के बजाय स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम जैसे कई तकनीकों पर किसानों को सब्सिडी दे रही है. ये आधुनिक सिस्टम 70 परसेंट तक पानी बचा सकते हैं, जिससे सीमित जल संसाधनों के साथ भी बड़े क्षेत्रों की सिंचाई करना संभव हो जाता है.

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उत्तर प्रदेश में बाराबंकी समेत कई जिले के तरबूज किसान संकट में हैं। इस बार उनकी फसल अप्रैल के महीने में ही सूख गई है।

मौसम या बीमारी का प्रकोप, क्यों खराब हो गई तरबूज की फसल?

बाराबंकी ( उत्तर प्रदेश)। “इस बार मैंने 5 एकड़ में तरबूज़ की खेती की थी, जिसकी लागत करीब 6 लाख रुपये आई। मुझे उम्मीद थी कि, इस बार 15 लाख रुपये के करीब फसल बिकेगी, लेकिन फसल जिस तरह बर्बाद हुई है, उससे एक लाख रुपये निकालना भी मुश्किल है,” ये कहना है बाराबंकी के…

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झारखंड के खूंटी जिले के रांडा गांव के किसान रूप चंद्र महतो और उनकी पत्नी मीरा देवी ने सिर्फ 2.5 एकड़ जमीन से लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं।

झारखंड: खेती का ‘स्मार्ट फॉर्मूला’, एक साल में 10 फसलें उगाता है ये किसान दंपति

किसान रूप चंद्र महतो और उनकी पत्नी मीरा देवी ने सिर्फ 2.5 एकड़ जमीन से लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं। बदलते वक्त के साथ खेती की दुनिया भी काफी बदल गई है। स्मार्ट तरीके से खेती करके छोटे किसान भी अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। झारखंड के खूंटी जिले के रांडा गांव…

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डिजिटल कृषि मिशन के तहत देशभर में किसानों का Farmer ID कार्ड बनाया जा रहा है।

किसानों के लिए क्यों ज़रूरी है FARMER ID CARD?

डिजिटल कृषि मिशन के तहत देशभर में किसानों का Farmer ID कार्ड बनाया जा रहा है। फार्मर ID एग्री स्टैक प्लेटफॉर्म का एक जरूरी हिस्सा है। farmer id का मतलब है कि, हर किसान की एक खास पहचान (ID) बनाई जाएगी। इस पहचान की मदद से सरकार किसानों की सही जानकारी रख सकेगी और उन्हें…

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कृषि और बागवानी

हिमाचल में खेती-बागवानी पर विशेष ध्यान, इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी राज्य सरकार

हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में कृषि और बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी है. सरकार का कहना है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. आपको बता दें कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रही है. सीएम ने कहा कि सरकार ने इस साल एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. प्राकृतिक खेती करने वाले सभी किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा.

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गन्ना

गन्ना और चीनी उद्योग को लेकर क्या है योगी सरकार का प्लान?

देश के गन्ना एवं चीनी उद्योग में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। राज्य में इस उद्योग को और आगे बढ़ाने और किसानों को लाभ देने के लिए राज्य की योगी सरकार ने वर्ष 2027-28 तक गन्ना और चीनी उद्योग के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) को मौजूदा 1.32 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा है।इसके लिए राज्य के गन्ना किसानों को कम लागत में बेहतर और अधिक उत्पादन लेने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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