अदरक और हल्दी

हल्दी और अदरक की मुनाफ़े वाली खेती होगी आसान, खेत से निकालने में कारगर है ये मशीन

ऐसी कई सारी फसलें हैं जिनकी खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। लेकिन मेहनत थोड़ी ज़्यादा है। लेकिन अगर पारंपरिक तरीक़े के साथ तकनीक का थोड़ा इस्तेमाल कर लिया जाये तो कम समय और कम लागत में अच्छी कमाई की जा सकती है। अदरक और हल्दी की खेती भी ऐसी ही है। इनकी माँग पूरे साल रहती है और बाज़ार में क़ीमत भी बहुत ज़्यादा है। लेकिन इसकी खेती थोड़ी कठिन होती है। ऐसे मैं किसान तकनीक का सहारा लेकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

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गेहूं की ख़रीद

राजस्थान में 10 मार्च से शुरू होगी MSP पर गेहूं की ख़रीद, किसानों को मिलेगा 150 रुपये का बोनस

वर्तमान में देशभर में ख़ासकर उत्तर भारत राज्यों में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई का समय आ गया है। ऐसे में सभी राज्य सरकारें गेहूं की सरकारी ख़रीद की शुरुआत के लिए दिन तय कर रही हैं। इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की तारीख़ 10 मार्च तय की है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं की ख़रीद पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का भी ऐलान किया है।

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मक्का

मक्के की खेती को बढ़ावा, बीज पर किसानों को 15,000 रुपये सब्सिडी दे रही उत्तर प्रदेश सरकार

धान और गेहूं के बाद मक्का खाद्यान्न की तीसरी प्रमुख फसल है. अब तो एथेनॉल के रूप में भविष्य में इसकी संभावनाएं और बढ़ गई हैं.
उत्तर प्रदेश में मक्के का रक़बा बढ़ाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार किसानों को त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के तहत प्रति क्विंटल बीज पर 15,000 रुपए की सब्सिडी दे रही है. इसमें संकर, देशी पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न तथा स्वीट कॉर्न के बीज भी शामिल हैं. पर्यटक की अधिकता वाले क्षेत्र में देशी पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की अधिक मांग है. इसलिए कार्यक्रम के तहत सरकार इनको भी बढ़ावा दे रही है.

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बढ़ती गर्मी से गेहूं की फसल को कैसे बचाएं?

गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है। कई करोड़ों लोगों का मुख्य भोजन होने के साथ ही ये किसानों की कमाई का ज़रिया भी है। इस समय पूरे देश में ख़ासकर उत्तर भारत में खेतों में इसकी फसल लहलहा रही है। लेकिन सामान्य से अधिक गर्मी बढ़ने से इसके उत्पादन पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।

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कीवी की खेती

कीवी की खेती की ‘मास्टर क्लास’

क्या आपको पता है कि कीवी विटामिन-सी का पावरहाउस है। यह छोटा, स्वादिष्ट फल पोषक तत्वों से भरा होता है, जिसे रोज खाने से आपकी सेहत में कई सुधार देखने को मिलेंगे। इसे खाने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं। इसमें विटामिन-सी, विटामिन-के, विटामिन-ई, फोलेट, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। ये तो बात है इसके खाने के फ़ायदे की लेकिन बाज़ार में माँग बने रहने के कारण इसकी खेती में भी काफ़ी फ़ायदा है। तो आज हम इसकी खेती के बारे में जानेंगे।

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हरियाणा

रबी फसलों की उत्पादन सीमा बढ़ाई गई, हरियाणा के किसान अब MSP पर बेच सकेंगे अधिक उपज

हरियाणा सरकार प्रदेश के हित में लगातार फैसले लिये जा रही है। इसी क्रम में राज्‍य सरकार ने सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के लिए प्रति एकड़ औसत उत्पादन की सीमा बढ़ा दी है। सरकार के इस फ़ैसले के बाद अब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ज्‍यादा उपज बेच सकेंगे। यह संशोधित सीमा 2025-26 के रबी खरीद सीजन में लागू की जाएगी। ट्वीट के मुताबिक़ किसानों को प्रति एकड़ ज़्यादा पैदावार होने से फसल बेचने में परेशानी ना हो इसलिए रबी फसलों के उत्पादन की सीमा में बढ़ोतरी की गई है।

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मक्के की खेती

किसान कम कीमत पर ख़रीद सकेंगे जायद फसल के बीज, उत्तर प्रदेश सरकार दे रही भारी सब्सिडी

कृषि उत्तर प्रदेश की मुख्य आधार रही है। इसीलिए राज्य सरकार समय समय पर किसानों के लिए तरह तरह की योजनाएँ लाती रहती है, जिससे किसानों को मदद मिल सके और प्रदेश का उत्पादन भी बढ़े। इसी क्रम में प्रदेश सरकार किसानों को जायद फसलों की बुवाई के लिए सब्सिडी पर प्रमाणित बीज दे रही है। रजिस्टर्ड किसान बीज भंडार केंद्रों से मूंग, उड़द, मूंगफली और हाइब्रिड मक्‍का की विभ‍िन्‍न किस्‍मों के प्रमाणि‍त बीज कम कीमत पर खरीद सकेंगे।

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रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं

मध्य प्रदेश में 15 मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद, किसानों को मिलेगा MSP से 175 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दाम

देश भर में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई का समय आ गया है. इसकी सरकारी खरीद भी कई राज्यों में शुरू हो चुकी है. देश के कई हिस्सों में बारिश और मौसम में बदलाव के कारण फसल का नुकसान भी हुआ है. ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए मध्य प्रदेश में सरकारी खरीद की तारीख को आगे बढ़ाया गया है. अब राज्य के किसानों से 15 मार्च से सरकारी खरीद शुरू की जाएगी.

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MSP

बाज़ार में MSP से कम कीमत पर बिक रहा कपास, CCI ने कहा किसानों को नुकसान से बचाने के लिए जारी रखेंगे ख़रीद

माँग कम होने की वजह से बाज़ार में कपास का भाव तय न्यूनतम समर्थन मूल्य( MSP) से भी नीचे चला गया है. लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी भारतीय कपास निगम (CCI) ने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए कपास की MSP पर बंपर खरीद की है. CCI ने कहा है कि किसानों को बाजार में गिरते भाव से बचाने के लिए सभी राज्यों में अभी भी अभी MSP पर खरीद जारी रखी है. आपको बता दें कि कच्चे कपास की कीमतें 6,500 से 7,000 येन प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं जो न्यूनतम समर्थन मूल्य स्तर 7,121 से कम है.

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'बारिश और ओलावृष्टि

ओलावृष्टि से हुए फ़सल नुकसान की भरपाई के लिए फिर खोला गया क्षतिपूर्ति पोर्टल, सीएम नायब सिंह सैनी ने दी जानकारी

‘बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है और इसके बारे में किसानों को एसएमएस के माध्यम से जानकारी भी दी गई है. किसान पोर्टल पर ओलावृष्टि और भारी बारिश से हुए नुकसान को दर्ज करवा सकते हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जा सके.’ पंचकूला में आयोजित पूर्व बजट परामर्श के दौरान बोले हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी.

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