सरकार ने बढ़ाया अमोनियम सल्फेट का उपयोग

यूरिया पर निर्भरता घटाने की तैयारी, सरकार ने बढ़ाया अमोनियम सल्फेट का उपयोग

सरकार ने रबी सीजन 2025-26 से अमोनियम सल्फेट को यूरिया का बेहतर विकल्प बनाकर सब्सिडी योजना (NBS) में शामिल किया है। अब किसानों को इस खाद पर ₹9,479 प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी, जिससे इसकी कीमत घटकर लगभग ₹700 प्रति बोरा रह जाएगी।विशेषज्ञों के अनुसार, अमोनियम सल्फेट मिट्टी के लिए यूरिया से ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि यह धीरे-धीरे नाइट्रोजन छोड़ता है और सल्फर की पूर्ति करता है।

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पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35

पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35: सरसों की खेती में नई क्रांति

ICAR-IARI ने सरसों की नई किस्म पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 35 (PDZ 14) विकसित की है, जो चार प्रमुख रोगों से सुरक्षित है और 132 दिनों में तैयार होकर 21.48 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। इसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के लिए मंजूरी मिली है।

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देशभर में मक्का के दाम गिरे

देशभर में मक्का के दाम गिरे, जानिए क्या है वजह?

देशभर में मक्का के दाम MSP ₹2,400 से नीचे चल रहे हैं। वजह है नई फसल की ज्यादा आवक, रिकॉर्ड उत्पादन और एथनॉल-पोल्ट्री फीड सेक्टर से घटती मांग। महाराष्ट्र में दाम ₹950 तक गिर गए हैं। तेलंगाना सरकार ने MSP पर 8 लाख टन मक्का खरीद शुरू की है। विशेषज्ञों के मुताबिक, फीड इंडस्ट्री की बढ़ती मांग से जल्द दामों में सुधार हो सकता है।

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31 दिसंबर तक कराएं फसल बीमा

हरियाणा सरकार ने बढ़ाया किसानों का मुआवजा, 31 दिसंबर तक कराएं फसल बीमा

हरियाणा में रबी सीजन की फसलों के लिए फसल बीमा की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 तय की गई है। इस बार किसानों को 5% ज्यादा मुआवजा मिलेगा। योजना में गेहूं, सरसों, जौ, चना, सूरजमुखी और मूंग शामिल हैं। किसान फसल मूल्य का 1.5% प्रीमियम देकर बीमा करा सकते हैं। पट्टे पर खेती करने वाले किसान भी इसका लाभ ले सकेंगे।

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ISMA की रिपोर्ट

ISMA की रिपोर्ट: इस बार 18% ज्यादा होगी चीनी की पैदावार

इस साल देश में चीनी उत्पादन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 सीजन में शुद्ध चीनी उत्पादन 18.5% बढ़कर 30.95 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। महाराष्ट्र में 39%, कर्नाटक में 16%, और उत्तर प्रदेश में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है।बेहतर बारिश, बढ़े हुए क्षेत्रफल और हाईटेक खेती की वजह से उत्पादन में सुधार हुआ है।

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यूपी में गन्ना पेराई सत्र शुरू

यूपी में गन्ना पेराई सत्र शुरू, किसानों को जल्द भुगतान का आदेश

उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2025-26 शुरू हो गया है। राज्य की 21 चीनी मिलों ने काम शुरू कर दिया है, जिससे किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए खेत खाली करने में राहत मिलेगी। कुल 122 में से 53 मिलों ने गन्ना खरीद के लिए मांग पत्र जारी किया है। सरकार ने मिलों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर किया जाए।

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पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा आवक

धान की सरकारी खरीद ने तोड़ा रिकॉर्ड, पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा आवक

देशभर में धान की सरकारी खरीद इस बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर के अंत तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 119 लाख टन से ज़्यादा धान खरीदा, जो पिछले साल की तुलना में काफ़ी ज्यादा है।सबसे ज़्यादा खरीद पंजाब और हरियाणा में हुई है। पंजाब में 49% और हरियाणा में 22% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना ने भी अच्छी भागीदारी दी है।
सरकार ने इस सीजन के लिए 463.49 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।

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हाइब्रिड और मोटे धान दोनों पर सरकार ने दी छूट

यूपी: हाइब्रिड और मोटे धान दोनों पर सरकार ने दी छूट, 13 से 15 लाख किसानों को होगा सीधा फायदा

उत्तर प्रदेश सरकार ने धान किसानों और मिलों को बड़ी राहत दी है। अब हाइब्रिड धान पर 3% और मोटे धान पर 1% की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इससे करीब 13–15 लाख किसानों को अपनी फसल का बेहतर दाम मिलेगा। सरकार इस योजना पर 186 करोड़ रुपये खर्च करेगी।धान खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किसान पंजीकरण और सत्यापन अब 80% तक ऑनलाइन हो गया है। जीपीएस से ट्रांसपोर्ट और डिजिटल मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई है।

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कर्नाटक

“गन्ना किसानों का आंदोलन जल्द सुलझाइए, नहीं तो स्थिति संभालना मुश्किल होगा”: मंत्री जी. परमेश्वर

कर्नाटक के मंत्री जी. परमेश्वर ने बागलकोट में चल रहे गन्ना किसानों के आंदोलन पर कहा कि शुगर मंत्री को गन्ने की कीमत जल्द तय करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुद्दा जल्द नहीं सुलझा तो पुलिस के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा। किसान ₹3,500 प्रति टन का भाव मांग रहे हैं और सरकार पर चीनी मिलों का पक्ष लेने का आरोप लगा रहे हैं।

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गेहूं की खेती के लिए ICAR की नई गाइडलाइन

गेहूं की खेती के लिए ICAR की नई गाइडलाइन, हर जोन के हिसाब से किस्में तय

ICAR करनाल ने 2 से 15 नवंबर 2025 के बीच गेहूं की बुआई के लिए सलाह जारी की है। किसानों को अपनी जलवायु के अनुसार सही किस्में चुनने, मिट्टी की जांच करवाने और “Happy Seeder” से बुआई करने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट में उर्वरक, सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण के तरीके बताए गए हैं। साथ ही पराली न जलाने और पर्यावरण सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया है।

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