समय से पहले मानसून की बारिश का भारत की कृषि और अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?

आईएमडी के मुताबिक 2025 में भारत में औसत से ज़्यादा मॉनसून बारिश होने की संभावना है। केरल में मॉनसून समय से पहले ही आ गया। यह तय समय से आठ दिन पहले है। बारिश कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है। अच्छी बारिश से खाद्य पदार्थों की कीमतें स्थिर हो सकती हैं। इससे भारतीय रिज़र्व बैंक को ब्याज दरें कम करने में मदद मिल सकती है।

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फिंगर मिलेट

रागी की खेती को बढ़ावा दे रही सरकार ..596 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई MSP, मानसून की शुरुआत से पहले किसान कर लें इसकी बुवाई

रागी, जिसे मड़ुआ, फिंगर मिलेट, या लाल बाजरा भी कहा जाता है। रागी की खेती के लिए उचित समय मानसून की शुरुआत से पहले का होता है, यानी मई या जून में. यानी जो किसान इसकी बुवाई करना चाहते हैं, उनके लिए ये सही समय है। मुख्य बात ये है की देश में इसकी खेती को सरकार भी बढ़वा दे रही है। इसका रकबा और उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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e-tractor और e-tiller

यूपी में e-tractor और e-tiller प्रदर्शनी का सफल आयोजन हुआ, जानें क्या है इनकी खासियत

आज सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीआईएमएपी), लखनऊ ने सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर द्वारा विकसित ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर का ऐतिहासिक प्रदर्शन सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसमें टिकाऊ कृषि मशीनीकरण में नवीनतम प्रगति का प्रदर्शन किया गया।

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भारत

भारत में गेहूं की अच्छी फसल से तेजी से भर रहा स्टॉक, आयात की नहीं पड़ेगी जरूरत

देश में गेहूं की शानदार फसल से भंडार भर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि देश इस साल आयात के बिना घरेलू मांग को पूरा कर सकता है, जो कि पिछली बाजार अटकलों के विपरीत है। अनुकूल मौसम और उन्नत बीजों के कारण उत्पादन में वृद्धि के कारण भारतीय खाद्य निगम द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर खरीद की गई है।

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योगी सरकार

योगी सरकार ने प्रदेश में गन्‍ना भुगतान में देरी करने वाले 6 चीनी मिलों के खिलाफ वसूली के लिए जारी किए निर्देश

योगी सरकार ने गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए चीनी मिलों के लिए निर्देश जारी किए हैं. वर्तमान में 6 चीनी मिलों को निर्देशों के अनुसार समय पर भुगतान नहीं करने के कारण उनके खिलाफ वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं. जिसमें बरखेड़ा-पीलीभीत, मकसूदापुर-शाहजहांपुर, बहेड़ी और नवाबगंज-बरेली, कुन्दुरखी-गोण्डा और मलकपुर-बागपत चीनी मिल शामिल हैं.

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खाद्यान्न उत्पादन

देश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 3539.59 लाख टन हुआ.. धान, गेहूं, मक्का के उत्पादन ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़े: कृषि मंत्री चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2024-25 के तृतीय अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बताया कि देश के खाद्यान्न में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है और खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 3539.59 लाख टन हो गया है। उन्होंने कहा कि धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन में उत्पादन ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हमारे किसानों की अथक मेहनत, कृषि वैज्ञानिकों की कुशलता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों-योजनाओं के सफल कार्यान्वयन व राज्य सरकारों के सहयोग से देश में खाद्यान्न के भंडार भर गए है।

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सरकार

सरकार ने खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई..रामतिल, रागी और कपास में सबसे ज्यादा इजाफा, जानें धान, ज्वार, बाजरा का हाल

सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि कर दी है, ताकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके. सरकार ने इस बात पर ध्यान देते हुए वृद्धि की है कि किसानों को उनकी लागत से 50 प्रतिशत ज़्यादा दाम मिले. पिछले साल की तुलना में MSP में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड (820 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (596 रुपये प्रति क्विंटल), कपास (589 रुपये प्रति क्विंटल) और तिल (579 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए MSP में वृद्धि की गई है.

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भारत

भारत में सोयाबीन की खेती का रकबा घटेगा.. करना पड़ेगा आयात, जानिए इसकी जगह कौन सी फसल पसंद कर रहे किसान

इस साल भारतीय किसानों द्वारा सोयाबीन की खेती कम करने की उम्मीद है, संभवतः बेहतर लाभ के कारण वे मक्का और गन्ने की खेती की ओर रुख करेंगे। इस बदलाव के कारण घरेलू सोयाबीन उत्पादन में कमी आ सकती है, जिससे भारत को इंडोनेशिया, मलेशिया, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देशों से पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल जैसे खाद्य तेलों का आयात बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

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महाराष्ट्र में मानसून ने दी दस्तक…राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को अभी बुवाई ना करने की दी सलाह

महाराष्‍ट्र में 25 मई यानी रविवार को मॉनसून ने दस्तक दे दी. लेकिन उससे पहले प्री-मॉनसून की बारिश ने ही किसानों को बड़ा नुकसान कर दिया है. अब मॉनसून के आते ही किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. लेकिन कृषि विभाग की तरफ से किसानों को अभी बुवाई न करने की सलाह दी गई है.

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लखीमपुर खीरी में 21 मई को आई आंधी और तूफान में केले की 30% फसल बर्बाद हो गई।

आधे घंटे के तूफान ने बर्बाद कर दी साल भर की मेहनत, केले की 30% फसल तबाह

लखीमपुर खीरी: 21 मई को आई आंधी और तूफान में केले की 30% फसल बर्बाद हो गई। जिले में करीब एक हजार हेक्टेयर में केले की खेती होती है। किसानों का कहना है कि, महज आधे घंटे के लिए आए आंधी और तूफान ने बहुत भारी नुकसान हो गया। उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी भयंकर…

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