काले आलू की खेती: अच्छी पैदावार, बंपर कमाई

काले आलू की खेती से होगी बंपर कमाई

देश के एक बड़े हिस्से में आलू की सब्जी, लोगों की पहली पसंद है। भारत में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिनके घर शायद ही कोई ऐसा दिन होता है, जब पूरे दिन में एक भी वक्त आलू की सब्जी नहीं बनती हो। इसके अलावा चिप्स और दूसरी तरह की डिश आलू से तैयार की जाती है। एक अनुमान के मुताबिक 2026 तक भारत में आलू की खपत 37 मिलियन टक तक पहुंचने की उम्मीद है। आंकड़े बताते है कि चीन के बाद सबसे ज्यादा आलू की खपत भारत में ही है। ऐसे में आलू की खेती और उसकी मार्केटिंग किसानों के लिए मुनाफे का सौदा हो सकती है।

वैसे तो भारत के ज्यादातर किसान सफेद आलू की खेती करते हैं, लेकिन काले आलू की खेती उन्हें सफेद आलू की खेती से ज्यादा मुनाफा दिला सकती है। काले आलू की खेती से सफेद आलू की तुलना में 3-4 गुना ज्यादा आमदनी मुमकिन है, क्योंकि ये मार्केट में सफेद आलू की तुलना में कहीं ज्यादा महंगा बिकता है। ये बाजार में 100-200 रुपये प्रति किलो तक बिकता है, जबकि साधारण आलू की कीमत 25-30 रुपये प्रति किलो होती है।

कब और कैसे करें बुआई?

काले आलू की खेती के लिए दोमट और बलुही दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। जिसमें पहले तीन से चार बार गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बनाना जरूरी है। हर फसल की तरह इसकी बुआई का एक वक्त है। खेती-किसानी से जुड़े जानकारों का कहना है कि इसकी बुवाई का सबसे अच्छा समय 15 से 25 सितंबर है, जबकि पछेती बुवाई के लिए 15 से 25 अक्टूबर बेहतर रहता है। कुछ किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर तक भी पछेती बुवाई कर सकते हैं, जो उनके स्थानीय मौसम और खेत की तैयारी पर निर्भर करता है।

कहां होती है बेहतर पैदावार?

भारत में काले आलू की खेती ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और कुछ उत्तरी राज्यों के ठंडे और पहाड़ी इलाकों में होती है। यहां का मौसम और मिट्टी इसे उगाने के लिए सबसे बेहतर है।

काला आलू सेहत के लिए कितना फायदेमंद?

काला आलू एंथोसाइनिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें मौजूद न्यूट्रीयेंट्स दिल के लिए बेहतर माने जाते हैं। सूजन को कम करते हैं और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। फाइबर की अच्छी मात्रा होने की वजह से डाइजेशन बेहतर करते हैं और ब्लड प्रेशर का लेवल मेंटेन रखने में मदद करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *