भारत सरकार ने बायोस्टिमुलेंट्स को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 के तहत ला दिया है। अब सिर्फ 146 उत्पादों को मंजूरी मिली है, जबकि 9,352 का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। पहले बाजार में 30,000 से ज्यादा नकली या बिना जांच वाले उत्पाद बिकते थे। इस कानून से किसानों को अब प्रमाणिक और असरदार उत्पाद मिलेंगे और कंपनियों को गुणवत्ता सुधारनी होगी। इससे नकली उत्पादों पर रोक लगेगी और खेती अधिक सुरक्षित व लाभकारी बनेगी।
भारत सरकार ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए अब बायोस्टिमुलेंट्स पर सख्त कानून लागू कर दिया है। इन्हें फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO), 1985 के तहत लाया गया है। पहले बाजार में करीब 30,000 से ज्यादा बायोस्टिमुलेंट्स उत्पाद बिना किसी तय नियम और गुणवत्ता जांच के बेचे जा रहे थे, जिससे किसान अक्सर भ्रमित होते थे और उनकी फसलों को सही लाभ नहीं मिल पाता था।
पहली बार कब जारी हुआ था नोटिफिकेशन
सरकार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए 23 फरवरी 2021 को नोटिफिकेशन जारी कर नया क्लॉज 20C जोड़ा, जिसमें बायोस्टिमुलेंट्स की गुणवत्ता और सुरक्षा के मानक तय किए गए। शुरुआत में कंपनियों को तैयारी का समय देने के लिए अस्थायी पंजीकरण (G3 सर्टिफिकेट) दिया गया था, लेकिन 16 जून 2025 की डेडलाइन के बाद सरकार ने साफ कर दिया कि अब कोई विस्तार नहीं होगा।
9,352 उत्पादों का पंजीकरण किया गया रद्द
नतीजा यह हुआ कि 9,352 उत्पादों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और उन्हें बाजार में बेचना गैरकानूनी हो गया है। वहीं सिर्फ 146 उत्पादों को पूरी तरह से मंजूरी मिली है और इन्हें FCO, 1985 की सूची में शामिल कर लिया गया है।
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क्या होते हैं बायोस्टिमुलेंट्स?
बायोस्टिमुलेंट्स वास्तव में ऐसे पदार्थ या सूक्ष्मजीव होते हैं जो पौधों की उपज, गुणवत्ता और पोषण अवशोषण को बेहतर बनाते हैं, साथ ही फसलों को तनाव और रोगों से लड़ने की क्षमता भी देते हैं। इन्हें 9 अलग-अलग श्रेणियों जैसे वनस्पति अर्क, विटामिन, प्रोटीन हाइड्रोलाइज, ह्यूमिक एसिड और सूक्ष्मजीव उत्पादों में बांटा गया है।
किसानों को क्या फ़ायदा?
सरकार का यह कदम किसानों और कंपनियों दोनों के लिए अहम है। अब किसानों को बाजार में प्रमाणिक और असरदार उत्पाद ही मिलेंगे, जबकि कंपनियों को मजबूरन गुणवत्ता सुधारनी होगी। इससे नकली और घटिया उत्पादों की बिक्री पर रोक लगेगी और कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता व विश्वास बढ़ेगा।यह फैसला न केवल खेती को सुरक्षित बनाएगा बल्कि किसानों को लंबे समय तक लाभ देने वाला साबित होगा।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।