बिहार के 7047 किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसान सलाहकार किसानों को बीज, खाद, पानी, फसल प्रबंधन और तकनीकी जानकारी देने का काम करते हैं। सरकार का मानना है कि इस फैसले से किसानों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और कृषि उत्पादन बढ़ेगा।
बिहार सरकार ने किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के 7047 किसान सलाहकारों को पहले की तुलना में काफी ज्यादा मानदेय मिलेगा। पहले इन्हें हर महीने 13,000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
किसान सलाहकार क्या करते हैं?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार का कहना है कि किसान सलाहकार, किसानों तक कृषि से जुड़ी योजनाएं और तकनीक पहुँचाने में अहम कड़ी हैं। ये खेतों में जाकर किसानों को सही समय पर बीज, खाद, पानी और दवाइयों के इस्तेमाल की जानकारी देते हैं। इसके अलावा फसल प्रबंधन, कीट नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था पर भी सलाह देते हैं।
काम करने का समय भी बढ़ा
सरकार ने साथ ही किसान सलाहकारों के काम करने का समय भी बढ़ा दिया है। पहले इन्हें रोज़ 6 घंटे काम करना होता था, लेकिन अब 7 घंटे काम करना होगा।
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कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी
राज्य सरकार का मानना है कि खेती को आधुनिक और लाभकारी बनाने में किसान सलाहकारों की बड़ी भूमिका है। इसलिए उनके मानदेय में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की गई है। सरकार को उम्मीद है कि इससे किसानों को भी बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद होगी। यह फैसला उन किसान सलाहकारों के लिए भी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अब उन्हें ज्यादा आर्थिक सहयोग मिलेगा और वे और जिम्मेदारी से किसानों की सेवा कर पाएंगे।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।