बिहार सरकार ने राज्य के मछुआरों के लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया है. जिसे NFDP यानी ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ नाम दिया गया है. सरकार इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्षेत्र के असंगठित मत्स्य किसानों को एक पहचान देना चाहती है. इससे मछुआरों को सरकारी योजनाओं का डायरेक्ट लाभ भी मिल सकेगा.
बिहार में मछली उत्पादन को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजन का लाभ मत्स्य किसानों को दिया जा रहा है. पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य प्रभाग की ओर से राज्य में बड़े पैमाने पर मत्स्य किसानों को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने और मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर सेवा देने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. किसान इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मछली पालन से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के अलग-अलग घटकों के तहत लाभ पाने के लिए एनएफडीपी पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के अंतर्गत एनएफडीपी के माध्यम से मछुआरों, मत्स्य पालकों और सहायक श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन के द्वारा असंगठित क्षेत्र को सुव्यवस्थित किया जा रहा है. इससे जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्ति या संगठन https://nfdp.dof.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं और विस्तृत जानकारी जिलों के जिला मत्स्य कार्यालयों से भी प्राप्त कर सकते हैं.
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1.23 लाख से अधिक मत्स्य पालकों ने किया रजिस्ट्रेशन
राज्य में अब तक 1.23 लाख से अधिक मत्स्य पालकों ने एनएफडीपी पर रजिस्ट्रेशन कराया है. अधिक से अधिक किसान इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं, इसके लिए सरकार और मत्स्य विभाग अपील कर रहा है. इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर मत्स्य पालक किसान अधिक से अधिक लाभ पा सकते हैं.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।