बिहार सरकार ने मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए मखाना अवयव योजना शुरू की है। इस पर दो साल में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना से राज्य के 16 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। किसानों को मखाना की खेती पर 75% यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा और पारंपरिक उपकरण किट पर भी 75% सहायता दी जाएगी। इसके अलावा किसानों को उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
बिहार सरकार ने मखाना की खेती को विस्तार देने के लिए बड़ी पहल की है। ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन’ के तहत मखाना अवयव योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना पर दो साल में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 11.53 करोड़ रुपये और 2026-27 के लिए 5.45 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इससे राज्य के 16 जिलों—कटिहार, पूर्णियां, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और मुजफ्फरपुर के किसानों को लाभ मिलेगा।
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किसानों को मिलेगा 75% अनुदान
- मखाना की खेती की लागत 97,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मानी गई है।
- इसमें किसानों को 75% यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।
- अनुदान की राशि किसानों को दो किस्तों में सीधे बैंक खाते (DBT) के माध्यम से मिलेगी।
- नए किसानों का चयन किया जाएगा, जो पहली बार खेत प्रणाली से मखाना की खेती करेंगे।
उन्नत किस्म और उपकरण भी मिलेंगे
राज्य के किसानों को उन्नत किस्मों जैसे स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 का बीज दिया जाएगा। इसके अलावा खेती के लिए पारंपरिक उपकरणों की किट भी दी जाएगी। एक किट की कीमत लगभग 22,100 रुपये है, जिसमें से किसानों को 16,575 रुपये अनुदान मिलेगा।
इस योजना से मखाना किसानों की लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा। सरकार का उद्देश्य मखाना को और ज्यादा बड़े स्तर पर “सुपर फूड” के रूप में बढ़ावा देना है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।