बस्ती (उत्तर प्रदेश)। गन्ने के रस से बनने वाला सिरका एक ऐसा उत्पाद है जिसे बनाने में ना तो ज्यादा मेहनत लगती है न समय। इसको तैयार करके और अच्छे से रखरखाव करके कमाई की जा सकती है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का केशवपुर गांव सिरका उद्योग के लिए जाना जाता हैं। ये गांव गोरखपुर-लखनऊ हाइवे पर स्थित है। सड़क के किनारे बसे गांव के लगभग हर घर में सिरके का कारोबार होता है। सिरके के उत्पादों से सजी दुकानों में सिरके के अलावा दूसरे उत्पाद भी बेचे जाते हैं।
बस्ती ज़िले में सिरका किंग के नाम से मशहूर सभापति शुक्ला वर्ष 2004 से सिरके का कारोबार कर रहे हैं। इस काम की शुरुवात की शुरुवात उन्होंने 900 रुपये से की थी। आज वे साल में 1 करोड़ रुपये का सिरका व उससे बने उत्पाद बेचते हैं। न्यूजपोटली के बात करते हुए वे बताते हैं” पहले मैं गुड़ का काम करता था जब घाटा हुआ तो हमने सिरके का काम शुरु किया। मेहनत करते हमारा काम चल गया। अब हम सिरके के साथ कई प्रकार का अचार भी बनाते हैं। हमें ये काम करते हुए 20 साल हो गये अब हम जो भी हैं सिरके की वजह से ही हैं। सिरके से हमारा जीवन बदल गया।”
हाथ में सिरके की बोतल दिखाते हुए सभापति शुक्ला कहते हैं “हम बाजार में दो साल पुराना सिरका बेचते हैं। जिसका तोड़ दूसरे व्यापारियों के पास नही हैं। कई लोग बाजार में कैमिकल युक्त सिरका बेंच रहे। हमारे सिरके में अलग प्रकार की महक आती है। जो एक बार हमारे यहां का सिरका खाता है वो दोबारा जरुर आता है। हमारे यहां प्राकृतिक रुप से सिरका तैयार किया जाता है।”
कैसे करें सिरका की पहचान
सभापति शुक्ला के मुताबिक जिस सिरके को सूंघने से नाक ना बंद हो, हल्की मिठास आये वो असली सिरका होता है। एसिड युक्त सिरके से नाक बन्द हो जाती है।
अंगूर,गन्ने, जामुन, सेब से बनाते सिरका
सभापति शुक्ला के यहां गन्ना, जामुन, सेब और अंगूर से सिरका तैयार किया जाता है। गन्ने व फलों की पेराई के लिए उन्होंने मशीन लगाई है।
मुख्यमंत्री भी खाते हैं अचार
सिरका किंग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके यहां तैयार किया हुआ अचार खाते हैं।
एक जिला एक उत्पाद में बस्ती का उत्पाद सिरका
सभापति शुक्ला के गांव में सिरके का व्यवसाय सबसे पहले शुरु किया था। आज पूरा गांव सिरका बेचता है। सरकार ने ओडीओपी के तहत सिरका बस्ती जिले का चयन किया है।
सिरका किंग का पूरा वीडियो यहां देखें-