सरकार ने 17 साल बाद फिर से बांस मिशन योजना शुरू की है। 10 से 50 डिसमिल जमीन पर बांस लगाने वाले किसानों को कुल खर्च का 50% अनुदान मिलेगा। रकम तीन किस्तों में दी जाएगी और सीधे बैंक खाते में जाएगी। योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लाभ मिलेगा। बांस की खेती से किसानों को लंबे समय तक कमाई होगी क्योंकि इसकी बाजार में हमेशा मांग रहती है।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहार सरकार ने 17 साल बाद फिर से बांस मिशन योजना शुरू की है। इसके तहत अब किसान बांस की खेती कर सकते हैं और उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक मदद (अनुदान) भी मिलेगी।
क्या है योजना?
- कम से कम 10 डिसमिल और ज्यादा से ज्यादा 50 डिसमिल जमीन पर बांस लगाने वाले किसानों को अनुदान मिलेगा।
- कुल खर्च का 50% सरकार देगी।
- पहले किस्त में 50 हजार रुपये तक का भुगतान होगा।
- दूसरी किस्त पौधे लगाने के बाद और तीसरी किस्त तीन साल बाद जब पौधे तैयार हो जाएंगे, तब दी जाएगी।
- अनुदान की रकम सीधे किसान के बैंक खाते में जाएगी।
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किसानों के लिए फायदे
- एक बार बांस लगाने के बाद सालों तक बार-बार खर्च नहीं करना पड़ता।
- बांस से फर्नीचर, घर बनाने, कागज, सजावटी सामान और कई तरह के उद्योग जुड़े हुए हैं।
- इससे किसानों की कमाई लंबे समय तक होती रहेगी।
- बांस को ‘हरा सोना’ कहा जाता है क्योंकि इसका बाजार हमेशा मजबूत रहता है।
आवेदन कैसे करें?
- योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों को लाभ मिलेगा।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें बाजार से जोड़ने के लिए शुरू की गई है। सरकार बांस की खेती के लिए हर जरूरी सहयोग देगी।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।