प्राकृतिक खेती में भारत बनेगा लीडर: पीएम मोदी

पीएम मोदी

कोयंबटूर में प्राकृतिक खेती सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत प्राकृतिक खेती में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने 9 करोड़ किसानों को पीएम किसान की 21वीं किस्त जारी की। पीएम ने युवाओं द्वारा तकनीकी करियर छोड़कर खेती अपनाने की तारीफ की और बताया कि प्राकृतिक खेती लागत कम करती है, मिट्टी को स्वस्थ बनाती है और किसानों की आय बढ़ाती है। सम्मेलन 19–21 नवंबर तक चल रहा है, जिसमें दक्षिण भारत के हजारों किसान और विशेषज्ञ शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत तेजी से प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु के किसानों ने साहस और नई सोच के साथ प्राकृतिक खेती को अपनाकर पूरे देश को प्रेरित किया है। इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त भी जारी की, जिसके तहत 9 करोड़ किसानों के खातों में सीधे 18 हजार करोड़ रुपये भेजे गए।

खेती अब युवाओं के लिए भी आकर्षक अवसर
पीएम मोदी ने कार्यक्रम की प्रदर्शनी में उन युवाओं से मुलाकात की, जिन्होंने इंजीनियरिंग, पीएचडी या विदेशी नौकरियाँ छोड़कर प्राकृतिक खेती को चुना। उन्होंने कहा कि यह बदलाव बताता है कि खेती अब युवाओं के लिए भी आकर्षक और भविष्य से जुड़ा अवसर बन चुकी है।

11 सालों में कृषि निर्यात लगभग दोगुना हुआ
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में कृषि क्षेत्र बड़े बदलावों से गुजरेगा और भारत प्राकृतिक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पिछले 11 सालों में कृषि निर्यात लगभग दोगुना हुआ है और सरकार लगातार तकनीक, आधुनिक बीज, सिंचाई और जैविक खेती पर निवेश बढ़ा रही है।

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प्राकृतिक खेती के कई फायदे
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती लागत कम करती है, मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पर्यावरण की रक्षा भी करती है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक पहचान बनाएंगे।

21 नवंबर तक चलेगा प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन
दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन 19 से 21 नवंबर तक चल रहा है। इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुद्दुचेरी से 50,000 से ज्यादा किसान, वैज्ञानिक और कृषि उद्यमी शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन का मकसद रसायन-मुक्त खेती, जलवायु-स्मार्ट कृषि और प्राकृतिक उत्पादों के लिए मजबूत बाजार तैयार करना है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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