असम का किसान जापान की बोकाशी खाद घर में बनाता है, और उसे ही खेत में डालता है। किसान का कहना है कि, इससे जमीन की गुणवत्ता बेहतर होती है, और पैदावार बढ़ती है।
अमर सिंह बासुमतारी असम में चिरांग जिले के सिलबारी गांव में रहते हैं। वो 20 बीघे में खेती से सालाना 20 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। अमर सिंह की खेती में कामयाबी की बड़ी वजह है, बोकाशी खाद बनाने की तकनीक, जो उन्होंने जापान में 9 महीने रह कर सीखी है। ये खाद पूरी तरह से जैविक है, और इसे आप भी घर पर बना सकते हैं।

असम सिंह बासुमतारी का गांव भूटान बॉर्डर के पास है। यहां ज्यादातर खेती बारिश पर निर्भर है, लेकिन अमर सिंह की पूरी सिंचाई ऑटोमेशन पर है। इस प्रगतिशील किसान की माने तो खेती में सफल होने के लिए सिंचाई की व्यवस्था का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है। अमर सिंह और उनकी पत्नी अपने खेतों में टॉप क्वॉलिटी स्ट्रॉबेरी, तरबूज उगाते हैं। वो वनीला की भी खेती करते हैं। असम के इस किसान का कहना है कि, उनके उन्नत तरीकों की वजह से उनकी फसलों की मांग न सिर्फ असम में, बल्कि पड़ोसी देश भूटान तक है।

अमर सिंह बासुमतारी की ही तरह उनकी पत्नी सुमन बासुमतारी भी एक सक्रिय किसान हैं, और खेती में उनका हाथ बंटाती हैं। खेती से ही असम के इस किसान ने पक्का मकान बनाया। कार खरीदी। बुलेट और स्कूटी ली। आज उनकी बेटी अच्छे स्कूल में पढ़ती है।

आज अमर सिंह बासुमतारी आज क्वालिटी लाइफ जी रहे हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा था जब वो 5000 रुपये महीने की नौकरी करते थे। बस एक ऐसा टर्निंग प्वॉइंट आया उनकी ज़िंदगी में, जिसने उनकी पूरी लाइफ ही बदल दी। कैसे इस किसान ने 5 हजार से 20 लाख रुपये का सफर तय किया और वो कैसे खेती करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें इतनी कामयाबी मिली? जानने के लिए पूरा वीडियो देखिए