कृषि भारत सम्मेलन 2024: खेती में तकनीक से तरक्की की झलक, समस्याओं पे मंथन

लखनऊ (यूपी)। किसानों और कृषि से जुड़े उद्मियों, किसान उत्पादक संगठनों में उत्साह जगाते हुए लखनऊ के कृषि भारत सम्मेलन का समापन हो गया। CII AgroTech India का कृषि भारत सम्मेलन 15-18 नवंबर चला, जिसमें देश विदेश की सैकड़ों कंपनियों और देशभर के करीब 1 लाख किसानों ने भाग लिया। कृषि भारत सम्मेलन में न सिर्फ कंपनियों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी बल्कि सरकार, प्राइवेट सेक्टर पार्टनर, कंपनियों और खेती से जुड़ी संस्थाओं ने खेती की मौजूदा चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर भी मंथन किया।

कृषि भारत में किसानों का सबसे ज्यादा रुझान फार्म मशीनरी को लेकर रहा। यहां पर महिंद्रा, मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर, स्वराज, सोनालिका तक कई बड़ी कंपनियां अपने छोटे बड़े कई रेंज के टैक्टर लेकर आई थीं। जिनकी खूबियां समझते और उन के साथ फोटो खिंचाते किसानों का उस्साह देखते ही बन रहा था। ट्रैक्टर के साथ ही कृषि उपकरणों में रोटावेटर, जीरो रोटावेटर, पावर टिलर, बूम स्पेयर, मक्का बुवाई मशीन, सुपर सीडर, कंबाइन हार्वेस्टर समेत कई उपकरणों ने भी किसानों का ध्यान खींचा।

इस मेले में कंपनियां ना सिर्फ खेती से जुड़े अपने नए उपकरणों की प्रदर्शन करती हैं, बल्कि इस पेशे से जुड़े बुद्धजीवी भविष्य में भारत में खेती-किसानी को एक नए आयाम पर ले जाने पर चर्चा करते हैं। ये मेला किसानों का उद्योग जगत के साथ कृषि वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने का अवसर देता है।

अगर आप भी खेती-किसानी से जड़े हैं, और किन्हीं वजहों से इस मेले में नहीं जा पाए तो इस लेख के जरिए आप उसकी एक झलक देख सकते हैं।

कृषि भारत में सम्मेलन में जितनी बड़ी तादाद में किसान पहुंचे, उसी हिसाब से खेती-किसानी से जुड़ी कंपनियों ने भी अपने उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई। जिनमें माइक्रो इरिगेशन कंपनियों से लेकर बिजली के मोटर और सबमर्सिबल पंप बनाने वाली तक कंपनियां शामिल रहीं।

बूम स्प्रेयर

इस मशीन ने किसानों को काफी लुभाया। ये मशीन किसी भी तरह के कीटनाशक के छिड़काव में बहुत मददगार है। वक्त के साथ पैसा दोनों बचाती है। 11.5 लाख रुपये की ये मशीन सिर्फ तीन मिनट में एक एकड़ खेत में छिड़काव करने में सक्षम है।

वीडियो देखें : https://youtube.com/shorts/JIJvOBm-p0Q?si=N9zIGbJOFvLGzm-I

खेती में जल प्रबंधन

दुनियाभर घटता जल स्तर सिर्फ भारत ही नहीं कई देशों के लिए चुनौती है। ऐसे में भविष्य में खेती का स्वरुप क्या होगा, सिंचाई का संकट कैसे दूर हो सकता है, पानी का सद्पयोग कैसे हो सकता है, इन मुद्दे पर आखिरी दिन जल प्रबंधन कॉन्फ्रेस का आयोजन किया गया। 


इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा और अनुसंधान राज्य मंत्री, बलदेव सिंह औलख ने कहा, “पानी बचाना जरूरी है। हमें पानी की बर्बादी रोकने के लिए इसके बेहतर इस्तेमाल और रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। किसानों को भूजल स्तर को बहाल करने के लिए अपनी सिंचाई की योजना बुद्धिमानी से बनानी चाहिए और बाजरा की खेती पर विचार करना चाहिए, जिसमें कम पानी की आवश्यकता होती है और कई फायदे मिलते हैं।"

उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई और जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव, डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने कहा, “टिकाऊ भविष्य के लिए जल संरक्षण में महिलाओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है। सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, हम भूजल के संरक्षण, वर्षा जल संचयन और जल निकायों के कायाकल्प में उनके प्रभाव को अधिकतम कर सकते हैं। आइए अपने बहुमूल्य जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए वाटरशेड विकास, ड्रिप सिस्टम और दूसरे क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के अग्रणी प्रयासों से प्रेरणा लें।''
जल प्रबंधन को कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए CII NR क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष और सुखजीत स्टार्च एंड केमिकल्स लिमिटेड के वरिष्ठ वीपी और सीईओ भवदीप सरदाना ने कहा,“पानी जीवन का सार है, न केवल आजीविका के लिए बल्कि उद्योगों और विनिर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है। मैं सभी को ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों का पता लगाने और अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, और पीएम कृषि सिंचाई योजना जैसी पहल का समर्थन करता हूं, जो कुशल सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के माध्यम से कृषि में बदलाव ला रही हैं।"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *