देशभर में अलग अलग राज्यों में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि मेला का आयोजन किया जाता है. इन मेलों में खेती में तकनीक का सही इस्तेमाल, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, खेती को बिज़नेस बनाकर कमाई करना, फसल की सही किस्मों का चयन आदि मुद्दों पर चर्चा की जाती है ताकि किसान खेती से अच्छी कमाई कर सकें. इसके साथ ही देश का उत्पादन बढ़े और आर्थिक स्थिति मज़बूत हो. इसी क्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में 17 मार्च से दो दिन का कृषि मेला लगने जा रहा है.
इस मेले में हर साल हरियाणा सहित पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान जुटते हैं. किसान इस कृषि मेले में आकर विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई फसलों की उन्नत किस्मों और तकनीकों के बारे में जान सकते हैं और इससे अधिक से अधिक लाभ उठा सकते हैं. इस साल मेले का थीम ‘कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’ रखा गया है. मेले का आयोजन विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन के सामने बालसमंद रोड पर मेला ग्राउंड में किया जाएगा.
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हर ज़िले के दो प्रगतिशील किसानों को किया जाएगा सम्मानित
कृषि मेले की तैयारियों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक की गई. कुलपति ने समीक्षा बैठक में वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को मेले में समुचित प्रबंध करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए. रिपोर्ट के मुताबिक़ कृषि मेला में प्रदेश के प्रत्येक जिले से दो प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया जाएगा.

इन मुद्दों पर होगी चर्चा
रिपोर्ट के मुताबिक़ मेले के दौरान आने वाले किसानों की खेतीबाड़ी संबंधी सभी समस्याओं के समाधान के लिए किसान गोष्ठियों का आयोजन होगा जिनमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों की कृषि और पशुपालन से जुड़ी समस्याओं का हल बताएंगे. इसके साथ वे फसलों, बीजों, किस्मों और अन्य सभी उपयोगी जानकारियां मुहैया करवाएंगे. मेले में कृषि संबंधी और कृषि औद्योगिकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी जिससे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों और तकनीकों की जानकारी मिल सकेगी.
ये किसान होंगे सम्मानित
सम्मानित होने वाले किसानों में करनाल के गांव कुचपुरा से हीना देवी, गांव कैमला से सतपाल सिंह, कैथल के गांव जसवंती से नीलम, गांव बात्ता से महेंद्र सिंह, मंडकोला स्थित पलवल से कुमारी एकता, किशोरपुर से दुले राम, सदलपुर स्थित गांव खेड़ी बरखी निवासी सुमित्रा देवी, गांव प्रभुवाला से कार्तिक, सिरसा के गांव ख्यांवाली से सावित्री, गांव सुकेरा खेड़ा से आशीष मेहता, महेंद्ररगढ़ के गांव सुंदरह से संतोष, गांव बेवल से करण सिंह, पंचकुला की सुभाष नगर कालोनी से रंजीत कौर, गांव दंदलावड़ से देवीसंत शामिल होंगे.
इसके अलावा फरीदाबाद स्थित गांव बहादुरपुर से कविता, गांव चिरसी निवासी रमन यादव, रोहतक के गांव पहरावर से सुनीता, भाली आनंदपुर निवासी नवीन कुमार, जींद के गांव अहिरका से सुमित्रा देवी, गांव पिल्लुखेड़ा से विनोद, पानीपत के गांव बापौली से सुमनबाला, गांव आसन खुर्द से जयपाल, रेवाड़ी के गांव सीहा से चमन यादव, गांव शाहपुर से राजेंद्र सिंह, फतेहाबाद स्थित गांव ढींगसरा से ज्योति, गांव नंगल खंडरतिया से सतीश कुमार, यमुनानगर स्थित गांव धानुपरा से पूनम देवी, गांव लाहडपुर से ज्ञानचंद, अंबाला के मानव विहार से अनीता कुमारी, गांव नग्गल राजपुताना से सुरेंद्र शर्मा, भिवानी के गांव जुई से सुनीता, ढांणी किशन लाल से बलवान, कुरुक्षेत्र के गांव दबखेड़ी से पिंकी, गांव सिरसला से गुरदीप सिंह, सोनीपत के गांव मंडौरा से पूनम रानी, गांव राजलूगढ़ी से उमेश कुमार, झज्जर के गांव बादली से नीलम, गांव माछरौली से सुरेंद्र कुमार, नूंह (मेवात) के गांव छपेड़ा से हरदम और गांव उजीणा से महेंदर सिंह शामिल हैं.
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