कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के दूसरे चरण में 700 करोड़ रुपये की लागत से 56 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। पहाड़ी इलाकों में यह दायरा थोड़ा कम हो सकता है। इस चरण में कुल 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि पर काम शुरू होगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल और भूमि का बेहतर उपयोग करके किसानों को फायदा पहुंचाना है।
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ये परियोजनाएं मध्य प्रदेश, असम, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, नागालैंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में शुरू होंगी। इससे पहले 2021-22 में 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 1,150 परियोजनाएं शुरू हुई थीं, जिन पर 12,303 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
इस परियोजना को लेकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये नई योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार उपलब्ध कराने और गांवों में स्थिरता लाने में मदद करेंगी। साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी कम करेंगी।
क्या है वाटरशेड परियोजना?
ये परियोजना उन क्षेत्रों में चलाई जा रही है, जहां खेती वर्षा पर निर्भर है। इसके तहत जल निकासी में सुधार, मिट्टी का संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण, पौधों की नर्सरी विकसित करना और चरागाहों का निर्माण शामिल है।
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योजना से फायदा
पहले चरण में इन परियोजनाओं से जिन क्षेत्रों में कार्य हुआ, वहां भूजल स्तर बढ़ा, पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ, फसलों की पैदावार में वृद्धि हुई और किसानों की आय में इजाफा हुआ।