उत्तर प्रदेश सरकार ने मिट्टी की खराब होती हालत सुधारने के लिए धरती माता बचाओ अभियान शुरू किया है। अब तक 4 करोड़ से अधिक किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड मिल चुके हैं और 1 लाख क्विंटल हरी खाद के बीज बांटने की तैयारी है ताकि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी दूर हो सके। सरकार किसानों को जैविक खाद, जिप्सम और बायो-फर्टिलाइज़र इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और पराली न जलाने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती और मिट्टी की खराब होती हालत को सुधारने के लिए धरती माता बचाओ अभियान शुरू किया है। इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों और वैज्ञानिकों से अपील की कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने में साथ आएं। सरकार कई योजनाओं के माध्यम से मिट्टी की सेहत सुधारने पर काम कर रही है और अब तक 4 करोड़ से ज्यादा किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड दिए जा चुके हैं।
हरी खाद और जैविक खेती पर जोर
मिट्टी में जिंक, आयरन और मैगनीज की कमी को पूरा करने के लिए सरकार 1 लाख क्विंटल हरी खाद के बीज बांटने की तैयारी कर रही है। योजना के तहत पहले चरण में 20 हजार क्विंटल मिश्रित हरी खाद के बीज और इसके बाद 80 हजार क्विंटल ढैंचा बीज किसानों को दिए जाएँगे। इसके साथ ही किसानों को जिप्सम, जैविक खाद और बायो-फर्टिलाइजर इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना में अब तक प्रगति
मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी।इसके तहत अब तक 4 करोड़ 7 लाख किसानों को कार्ड मिले हैं। मिट्टी जांच के लिए राज्य में 260 प्रयोगशालाएं बनायी गई हैं, जिनमें से 59 प्रयोगशालाएं NABL प्रमाणित हैं।
कृषि मंत्री की चेतावनी
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अगर मिट्टी का कटाव और खराब होना इसी तरह जारी रहा तो 2050 तक खेती योग्य जमीन बहुत कम रह जाएगी। उन्होंने बताया कि IIT दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 30% भूभाग की मिट्टी कमजोर हो चुकी है, जो चिंता की बात है।
पराली न जलाने और संतुलित खाद उपयोग की अपील
सरकारी अधिकारियों ने किसानों से कहा कि पराली न जलाएं, संतुलित मात्रा में खाद डालें और हरी खाद और जैविक खाद का ज्यादा इस्तेमाल करें।नई रिपोर्टों के अनुसार 2017–2019 की तुलना में अब मिट्टी में नाइट्रोजन और कार्बन की मात्रा बढ़ी है, लेकिन माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी अभी भी चिंता का विषय है।
यह कार्यक्रम किसानों को जागरूक करने और मिट्टी को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।