इस साल रबी फसलों की बुवाई में बड़ी बढ़त देखी गई है। 28 नवंबर तक देश में 393 लाख हेक्टेयर में रबी की खेती हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 35 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। गेहूं की बुवाई सबसे आगे है, जो 160 से बढ़कर 187 लाख हेक्टेयर हो गई है। दालों, तिलहन और मोटे अनाजों की खेती में भी बढ़ोतरी हुई है, जबकि धान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। कुल मिलाकर इस सीजन में खेती का रकबा बढ़ा है और उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।
यह रबी सीजन किसानों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। सरकार की नई रिपोर्ट के अनुसार, इस साल रबी फसलों की बुवाई पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ी है। 28 नवंबर तक देश में कुल 393 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह क्षेत्रफल 357 लाख हेक्टेयर था। यानी इस बार 35 लाख हेक्टेयर अधिक जमीन पर फसलें बोई गई हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।
गेहूं की बुवाई सबसे अधिक
रिपोर्ट के अनुसार, रबी फसलों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी गेहूं की है। इस बार गेहूं 187 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जा चुका है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 160 लाख हेक्टेयर था। इसका मतलब है कि किसान गेहूं की खेती में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।
दालों की खेती भी बढ़ी
दालों की बुवाई में भी इस बार बढ़ोतरी हुई है। अब तक 87 लाख हेक्टेयर में दालें बोई गई हैं, जो पिछले साल के 85 लाख हेक्टेयर से अधिक है। चना, मसूर और उड़द की खेती में हल्की बढ़त दर्ज हुई है। हालांकि मटर और कुल्थी की बुवाई में कमी देखी गई है।
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धान में मामूली बढ़ोतरी
रबी सीजन में धान की भी खेती होती है। अभी तक 9 लाख हेक्टेयर में धान रोपा गया है, जबकि पिछले साल इसी समय 8.45 लाख हेक्टेयर में रोपाई हुई थी। यानी धान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है।
मोटे अनाजों में अच्छी प्रगति
मोटे अनाज (श्री अन्न) जैसे ज्वार, रागी, बाजरा, मक्का और जौ की खेती में भी बढ़ोतरी हुई है। ज्वार, मक्का और जौ के क्षेत्र में खास बढ़त रही है।यह बदलाव बताता है कि किसान अब पोषक और जलवायु अनुकूल फसलों की ओर भी आगे बढ़ रहे हैं।
तिलहन फसलों में भी उछाल
तिलहन फसलों जैसे सरसों, कुसुम और तिल की बुआई में भी अच्छा सुधार देखने को मिला है। इस बार तिलहन फसलें 80 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन में बोई गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसों और रेपसीड में रही है। हालांकि मूंगफली की बुवाई में थोड़ी कमी हुई है।
सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि किसान इस साल रबी फसल के प्रति ज्यादा उत्साहित हैं और अच्छी उपज की उम्मीद कर रहे हैं। मौसम अनुकूल रहा तो इस साल रबी उत्पादन पिछले साल से काफी बेहतर हो सकता है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।